मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम भारत दौरे पर हैं. उन्होंने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद जब एक कार्यक्रम में मलेशियाई प्रधानमंत्री से विवादित इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर जवाब दिया.
इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान जब मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम से मलेशिया में रह रहे जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अगर नाइक के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य मुहैया कराए जाएंगे तो इस पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस मुद्दे से दोनों देशों के संबंध प्रभावित नहीं होने चाहिए.
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भारत से भागकर मलेशिया चला गया था नाइक
पीएम इब्राहिम ने बताया कि इस मामले को भारत की ओर से नहीं उठाया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इस मामले को पहले उठाया था. लेकिन मैं यहां एक शख्स की बात नहीं कर रहा हूं. मैं चरमपंथ की बात कर रहा हूं. हमारी सरकार जाकिर नाइक के मामले में सौंपे जाने वाले सभी साक्ष्यों का स्वागत करेगी. हम आतंकवाद से निपटने को लेकर भारत सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं. बता दें कि जाकिर नाइक 2017 में भारत से भागकर मलेशिया चला गया था. उस समय मलेशिया की प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद सरकार ने उसे सरकारी संरक्षण दिया था.
जाकिर नाइक पर क्या-क्या आरोप?
जाकिर नाइक पर भारत में भड़काऊ भाषण देने, मनी लॉन्ड्रिंग करने और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है. मई 2019 में ईडी ने जाकिर नाइक के खिलाफ टेरर फंडिंग मामले में चार्जशीट दायर की थी. इस चार्जशीट में बताया था कि एजेंसी ने अब तक 193 करोड़ रुपये की संपत्ति की पहचान कर ली है, जिसमें से 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त की जा चुकी है.
ईडी ने दावा किया था 2003-04 और 2016-17 के बीच जाकिर नाइक को अज्ञात और संदिग्ध सोर्सेस से 64 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली थी. इनमें से ज्यादातर फंड का इस्तेमाल ‘पीस कॉन्फ्रेंस’ आयोजित करने के लिए हुआ था. एजेंसी ने ये भी बताया था 2012 से 2016 के दौरान जाकिर नाइक को 49.20 करोड़ रुपये भी मिले थे. ये रकम नाइक के यूएई के बैंक अकाउंट में आई थी.