PM Modi: सोमवार को अयोध्या में नवनिर्मित राम जन्मभूमि मंदिर में भगवान रामला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की रस्में पूरी करने के बाद, पीएम मोदी ने ‘दंडवत प्रणाम’ किया. इसके बाद पीएम मोदी ने उपस्थित मेहमानों और राम भक्तों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा, “मैं आज प्रभु श्री राम से क्षमा याचना भी करता हूं. हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य कर नहीं पाए. आज वह कमी पूरी हुई है. मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे.”
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए. रामलला के इस मंदिर का निर्माण भारतीय समाज की शांति, धैर्य और आपसी सद्भाव, समन्वय का प्रतीक है.
हजार साल बाद भी इस तारीख की होगी चर्चा : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की, आज के इस पल की चर्चा करेंगे. ये कितनी बड़ी राम कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं.”
#WATCH अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “इस शुभ घड़ी की आप सभी और समस्त देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई। मैं अभी गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर आप सबके सामने उपस्थित हुआ हूं। कितना कुछ कहने को है लेकिन कंठ अवरुद्ध है।” pic.twitter.com/x5vLvvsQzh
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 22, 2024
PM मोदी ने कहा, “हमारे राम लला अब टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मेरा पक्का विश्वास है कि जो घटित हुआ है उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. यह क्षण अलौकिक है… यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है.”
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न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि हमारे संविधान के पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं. इसके बावजूद भी राम के अस्तित्व को लेकर कानून लड़ाई चली. न्यायपालिका ने न्याय की लाज रख ली. आज गांव-गांव में संकीर्तन हो रहे हैं. स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं. घर-घर राम ज्योति जलाने की तैयारी है. पीएम मोदी ने कहा कि वह धनुषकोटि में रामसेतु के आरंभ विंदु पर थे, जहां उन्होंने पुष्प वंदना की. इससे विश्वास मिला कि अब कालचक्र फिर बदलेगा.
उन्होंने कहा कि 11 दिनों के अनुष्ठान के दौरान उस जगह जाने का मौका मिला, जहां श्रीराम के चरण पड़े थे. सागर से सरयू तक राम का उत्सव भाव छाया है. प्रभु राम भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हैं. भारतवासियों के अंतर्मन में विराजे हैं. राम से बढ़कर देश को समायोजित करने वाला सूत्र क्या हो सकता है? हर युग में लोगों ने राम को जिया है.