Prime Minsiter Narendra Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने पांच दिवसीय दक्षिण भारत दौरे पर हैं. इस कार्यक्रम के तहत वह आज सोमवार को तमिलनाडु के चेन्नई में थे. यहां उन्होंने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया. अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कांग्रेस और डीएमके समेत विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला. इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ लोग ये कहते हैं कि मेरा परिवार नहीं है, लेकिन मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि जिनके पास परिवार है क्या उनको परिवारवाद की राजनीति का लाइसेंस है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैंने देश के लिए अपना घर छोड़ा है, लेकिन इस देश लोग ही मेरा परिवार है.
गौरतलब है कि पटना में आयोजित जन विश्वास महारैली के दौरान आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने प्रधानमंत्री को लेकर एक बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि पीएम मोदी परिवारवाद पर बोलते हैं, क्योंकि उनका कोई परिवार नहीं है.
“सिर्फ अपने लिए सोचती हैं परिवारवादी पार्टियां”
जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, परिवारवादी पार्टियां सिर्फ और सिर्फ अपने लिए सोचती हैं, जबकि मोदी देश के भविष्य का सोचकर काम कर रहा है.परिवारवादी पार्टियों के कार्यकाल के दौरान देश हजारों गांवों में बिजली नहीं पहुंची थी. देश के ढाई करोड़ से ज्यादा लोग अंधेरे में रहने को मजबूर थे. इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती उर्जा सुरक्षा है, आज इस दिशा में भी तेजी से काम कर रही है.
#WATCH प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "परिवारवाद का एक स्वभाव है, परिवारवादी पार्टियों का परिश्रम से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता इसलिए परिवारवाद अपने साथ अहंकार लेकर आता है। जब कोई परिवारवादी सरकार में अहम पद पर आ जाता है तो उसे लगता है कि देश और देश की जनता उसकी गुलाम है…… pic.twitter.com/84rgliex0B
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 4, 2024
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “परिवारवाद का एक स्वभाव है, परिवारवादी पार्टियों का परिश्रम से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता इसलिए परिवारवाद अपने साथ अहंकार लेकर आता है. जब कोई परिवारवादी सरकार में अहम पद पर आ जाता है तो उसे लगता है कि देश और देश की जनता उसकी गुलाम है… आज हमने देखा कि कैसे सुप्रीम कोर्ट ने DMK परिवार के एक मंत्री से सख्त सवाल किए हैं.
डीएमके पर पीएम मोदी का हमला
राज्य की डीएमके सरकार पर हमलावर होते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राज्य सरकार ने चेन्नई के लोगों की जरूरतों और आपके सपने से मुंह फेर लिया है. अभी कुछ समये पहले इतना बड़ा चक्रवात आया लेकिन डीएमके सरकार ने मदद करने की जगह लोगों की मुश्किलों को और ज्यादा बढ़ाने का काम किया. राज्य सरकार में शामिल लोग संकट के समय संकट प्रबंधन नहीं करते बल्कि मीडिया प्रबंधन करते हैं. इसी से पता चलता है कि डीएमके सरकार जनता के दुख-सुख से कोई मतलब नहीं है.