PM Modi: आज युग की मांग है कि हमें अंतकरण को विस्तार देना होगा. हनुमान जी की सेवा, गुण, समर्पण. यह ऐसे गुण हैं, जिन्हें बाहर नहीं खोजना पड़ता है. यही भव्य और दिव्य भारत का आधार बनेंगे. यही तो है दैव्य भारत का निर्माण. सुदूर कुटिया में जीवन गुजारने वाली मां शबरी का भाव आता है. वह कबसे कहती थीं कि राम आएंगे. प्रत्येक भारतीय में जन्मा यह विश्वास है. यह बातें पीएम मोदी ने कही है.
35 मिनट में राम के भव्य स्वरूप का वर्णन
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी लगभग 35 मिनट तक उपस्थित मेहमानों और संतों को संबोधित करते रहे. अपने भाषण के दौरान उन्होंने भगवान राम के भव्य स्वरूप का वर्णन किया. पीएम मोदी ने कहा कि राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं. राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं. राम वर्तमान ही नहीं, बल्कि राम अनंतकाल हैं. वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी. लेकिन राम आग नहीं ऊर्जा हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए.
आस्था हैं राम- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है.
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भाषण के दौरान पीएम मोदी ने दिए क्या संकेत?
बता दें कि पीएम मोदी ने भाषण के दौरान कई और संकेत दिए हैं. उन्होंने कहा कि राम का भव्य मंदिर तो बन गया. अब आगे क्या? आज के शुभ अवसर पर जो दैव्य और दैवीय आत्माएं उपस्थित हुई हैं. क्या हम उन्हें ऐसे ही विदा कर देंगे. नहीं, कदापि नहीं.
पीएम ने आगे कहा कि आज मैं पूरे मन से महसूस कर रहा हूं कि कालचक्र बदल रहा है. हमारी पीढ़ी को कालजयी निर्माण के रूप में चुना गया है. इसलिए मैं कहता हूं कि यही समय है. सही समय है. हमें आज इस पवित्र समय से अगले एक हजार साल की नींव रखनी है. समर्थ, सक्षम, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं. राम के विचार मानस के साथ हो, यही राष्ट्र विस्तार की सीढ़ी है.