PM Modi-Bill Gates: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है. इस चर्चा का वीडियो शुक्रवार, 29 मार्च को रिलीज किया गया. जिसमें पीएम मोदी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, स्वास्थ्य और हेल्थ पर अपनी बात रखते नजर आए.
डिजिटल डिवाइड पर पीएम मोदी का बड़ा बयान
पीएम मोदी ने डिजिटल डिवाइड पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गेट्स से कहा, “जब मैं दुनिया में डिजिटल डिवाइड की बात सुनता था तो सोचता था कि मैं अपने देश में ऐसा कुछ नहीं होने दूंगा. डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर अपने आप में एक बड़ी जरूरत है. महिलाएं तुरंत नई तकनीक को अपनाती हैं… मैंने ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना शुरू की है. यह योजना बहुत सफलतापूर्वक चल रही है. मैं इन दिनों उनसे बातचीत करता हूं, वे खुश हैं. वे कहती हैं कि हमें साइकिल चलाना नहीं आता था, अब हम ड्रोन उड़ा रही हैं, हम पायलट बन गई हैं.”
क्या होता है डिजिटल डिवाइड?
डिजिटल विभाजन उन लोगों के बीच अंतर का वर्णन करता है, जिनके पास सस्ती इंटरनेट सेवा व उसका लाभ उठाने के लिए गैजेट है और जिनके पास इसकी कमी है.
ये भी पढ़ेंः जब LMG केस में मुलायम ने माफिया मुख्तार अंसारी को बचाया था, पूर्व पुलिस अफसर ने सुनाया पूरा किस्सा
‘बच्चों तक श्रेष्ठ शिक्षा पहुंचाना चाहता हूं’
पीएम मोदी ने बिल गेट्स से बातचीत के दौरान शिक्षा को लेकर भी बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा, “मैं बच्चों तक श्रेष्ठ शिक्षा पहुंचाना चाहता हूं. शिक्षक की जो कमियां हैं मैं उन्हें तकनीक से भरना चाहता हूं. दूसरा बच्चों की रूचि दृश्यों में और कहानी सुनाने में है, मैं उस तरह की सामग्री बनाने की दिशा में काम कर रहा है. हमारे यहां कृषि क्षेत्र में भी मैं बहुत बड़ी क्रांति ला रहा हूं और मैं लोगों की मानसिकता बदलना चाहता हूं.”
‘लोगों का बढ़ रहा है विश्वास’
पीएम मोदी ने बिल गेट्स को बताया कि उनकी सरकार ने देश के गांवों में 2 लाख आयुष्मान आरोग्य मंदिर बनवाएं हैं. इन हेल्थ सेंटर्स को मॉर्डन टेक्नोलॉजी से बेस्ट हॉस्पिटल्स के साथ जोड़ दिया गया है. इससे लोगों का विश्वास बढ़ रहा है कि जितना इलाज बड़े अस्पताल में होता है, उतना ही छोटे आरोग्य मंदिर में हो रहा है.
डीपफेक पर पीएम मोदी ने कही ये बात
पीएम मोदी ने बिल गेट्स से मजाकिया अंदाज में कहा कि हमारे यहां जब बच्चा पैदा होता है, तो ‘आई’ (मां) भी बोलता है और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) भी बोलता है. साथ ही पीएम मोदी ने इसपर अपनी चिंता भी जाहिर की है. उन्होंने कहा, “अगर इतनी अच्छी चीज (एआई) बिना उचित प्रशिक्षण के किसी को दी जाती है, तो इसका दुरुपयोग होने की संभावना है. मैंने सुझाव दिया कि हमें एआई-जनरेटेड कंटेंट्स पर स्पष्ट वॉटरमार्क के साथ शुरुआत करनी चाहिए. ताकि कोई भी गुमराह न कर सके. भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, कोई भी डीपफेक का उपयोग कर सकता है. यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि डीपफेक कंटेंट एआई-जनरेटेड है. हमें क्या करें और क्या न करें के बारे में सोचने की जरूरत है.”