PM Modi Kashmir Visit: पीएम नरेंद्र मोदी अपने कश्मीर दौरे पर गुरुवार को पहुंच चुके हैं. 2019 में अनुच्छेद 370 की कुछ धाराएं जम्मू कश्मीर से निरसित होने के बाद पीएम मोदी का यह पहला कश्मीर दौरा है. प्रधानमंत्री अपने इस दौरे पर कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इसके बाद वह श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक जनसभा को संबोधित करेंगे. लेकिन सवाल यह उठता है कि बीते पांच सालों में कश्मीर में क्या नया हुआ है और यहां कितना बदलाव हुआ है.
पांच अगस्त 2019 को कश्मीर से अनुच्छेद 370 की कुछ धाराओं को निरसित किए जाने के बाद पीएम मोदी पहली बार कश्मीर दौरे पर गए हैं. बीते पांच सालों के दौरान अन्य राज्यों में लागू होने वाली केंद्रीय कानून अब कश्मीर में भी लागू हुआ है. यहां विवाह अधिनियम, शिक्षा का अधिकार और भूमि सुधार जैसे कानून इस दौरान लागू किए गए हैं. यहां वाल्मीकि, दलित और गोरखा समुदाय को दूसरे राज्यों के लोगों के जैसे समान अधिकार मिले हैं.
कितना बदला कश्मीर
इस दौरान राज्य से जुड़े 344 कानूनों में से 164 को खत्म किया गया है. जबकि दूसरी ओर 167 कानूनों को संविधान के अनुरूप ढाला गया है. राज्य में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास रहने वालों के लिए सेवाओं और शिक्षण संस्थानों से जुड़े अलग-अलग विभागों में तीन फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है. बीते 20 फरवरी को ही पीएम मोदी ने घाटी को पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन की सौगात दी थी. तब संगलदान स्टेशन से बारामूला स्टेशन के बीच रेलवे की सेवा शुरू की गई थी.
ये भी पढ़ें: UP News: BJP नेता की जौनपुरी में गोली मारकर हत्या, जेल में बंद धनंजय सिंह को दे चुके हैं चुनौती
चेनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिच बनकर तैयार हो गया है. वहीं अंजी नदी पर देश के पहले केबल रेलवे ब्रिज का काम लगभग पूरा हो गया है. बीते साल मार्च में जम्मू-कश्मीर को विदेशी निवेश का पहला प्रोजेक्ट मिला था. इससे राज्य में दस हजार लोगों के लिए रोजगार के अवसर बने हैं. इसके अलावा 2020-21 में 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों पर जम्मू कश्मीर को 30,757 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया था.
राज्य में जब 2018 में पंचायत चुनाव हुए थे तब 74.1 फीसदी वोटिंग हुई थी. लेकिन 2019 में पहली बार ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल का चुनाव कराया गया, इस चुनाव में 98.3 फीसदी वोटिंग हुई है. सरकारी आंकड़ें के अनुसार 2022 में 1.88 करोड़ पर्यटक घाटी में पहुंचे थे. इसके अलावा चरमपंथियों और अलगाववादियों शिकंजा कसा गया है. इनके नेटवर्क को खत्म करने के साथ ही बैंक खातों के जरिए अवैध आमदनी पर रोक लगाई गई है.