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जब विपक्षी हमलों से घिरे अमित शाह; तब अपने ‘चाणक्य’ के लिए ‘कवच’ बन गए PM Modi, अंबेडकर मामले पर कांग्रेस को फिर सुनाया

pm modi and amit shah

पीएम मोदी व गृह मंत्री अमित शाह

राज्यसभा में संविधान पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के भाषण के एक अंश को लेकर विपक्ष लामबंद है. बुधवार सुबह डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के कथित अपमान को लेकर विपक्ष ने अमित शाह पर चौतरफ़ा हमला बोला. कांग्रेस के नेतृत्व में शोर इतना बढ़ा कि संसद के दोनों सदनों को स्थगित करना पड़ा. कांग्रेसी सांसद और नेता मीडिया में केंद्र सरकार और अमित शाह को दलित विरोधी बताने में जुट गए. लेकिन, तमाम हमलों के बीच पीएम मोदी ख़ुद जवाब देने उतरे और एक-एक कर विपक्षी हमलों को कुंद करते दिखाई दिए.

दरअसल, लोकसभा के बाद राज्यसभा में संविधान की अब तक की यात्रा पर बहस चल रही थी. जब इतिहास के कालखंड में संविधान के साथ हुए दुरुपयोग की मुद्दे उठने लगे तब सदन में कांग्रेस बगले झांकती दिखी. पूरी बहस में निशाने पर सिर्फ़ कांग्रेस थी और उसके सांसद लगातार बैकफ़ुट पर नज़र आ रहे थे. मंगलवार को बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने भी तकरीबन वही लाइन-लेंथ रखा, जो उनके पहले निर्मला सीतारमण और जेपी नड्डा समेत बीजेपी के तमाम सांसदों ने रखा था. शाह ने भी कांग्रेस की नेतृत्व वाली सरकार में संविधान के साथ हुए छेड़छाड़ और बाबा साहेब अंबेडकर के साथ हुए अपमान को जमकर हाइलाइट किया. लेकिन, इस दौरान उन्होंने बोलते हुए कांग्रेस पर “अंबडेकर-अंबेडकर” की रट लगाने पर तंज कसा और बाबा साहेब अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के प्रेम को ‘झूठा’ करार दिया. जिसे बाद में राज्यसभा स्पीकर धनखड़ के टोकने पर “झूठा” शब्द को “असत्य” कहकर इसे संसदीय भाषा के तौर पर मर्यादित किया.

शाह के बयान पर बवाल क्यों?

हालांकि, अमित शाह का भाषण काफ़ी धारदार रहा था. इसी दौरान उन्होंने एक वाक्य बोला जिसे विपक्ष ने लपक लिया. अमित शाह ने कहा कि, “अंबेडकर-अंबेडकर की रट लगाने वाली कांग्रेस यदि भगवान का नाम ली होती तो कल्याण हो गया होता.” अब कांग्रेस समेत आम आदमी पार्टी और दूसरे विपक्षी दलों ने इसे मुद्दा बना दिया. हालांकि, गृह मंत्री ने इस वाक्य को बोलने के साथ यह साफ़ किया कि उनका अंबेडकर के प्रति सम्मान काफ़ी है. लेकिन, कांग्रेस सिर्फ़ स्वाँग रचने का काम कर रही है. लेकिन, इस एक वाक्य के चलते पूरे डिबेट में असहाय सी दिखने वाली कांग्रेस के भीतर जान आ गई और बुधवार की सुबह ही यह मामला प्रचंड हो गया.

इस मामले को बढ़ता देख प्रधानमंत्री मोदी भी अमित शाह के बचाव में उतरे और उन्होंने विपक्ष को सीधे तौर पर निशाने पर लिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस झूठ और प्रोपगैंडा के सहारे अपने कुकृत्यों को ढंकने की कोशिश कर रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया हैंडल X के ज़रिए अपना बयान जारी किया. उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस और उसका सड़ा-गला तंत्र सोचता है कि उनके झूठ उनके सालों पुराने पापों को छुपा सकते हैं, खासकर डॉ. अंबेडकर के प्रति उनके अपमान को, तो वे बहुत बड़ी गलती कर रहे हैं. भारत के लोगों ने बार-बार देखा है कि कैसे एक पार्टी, जो एक ही वंश के नेतृत्व में है, डॉ. अंबेडकर की विरासत को मिटाने और एससी/एसटी समुदायों का अपमान करने के लिए हर संभव गंदी चालें चली हैं.”

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पीएम ने अंबेडकर के साथ दुर्व्यवहार की सूची गिना डाली

अमित शाह पर ताबड़तोड़ हो रहे हमलों पर प्रधानमंत्री ने कांग्रेस के शासनकाल में बाबा साहेब अंबेडकर के साथ हुए दुर्व्यवहार की सूची गिना डाली. उन्होंने लिखा, “कांग्रेस के डॉ. अंबेडकर के खिलाफ पापों की सूची में शामिल हैं:

  1. उन्हें चुनाव में हराना, वह भी एक बार नहीं बल्कि दो बार.
  2. पंडित नेहरू द्वारा उनके खिलाफ प्रचार करना और उनकी हार को प्रतिष्ठा का मुद्दा बनाना
  3. उन्हें भारत रत्न से वंचित रखना
  4. संसद के सेंट्रल हॉल में उनके चित्र को सम्मानजनक स्थान नहीं देना”

पीएम मोदी ने आगे लिखा, “कांग्रेस लाख कोशिश कर ले लेकिन वह इस सच्चाई को नहीं झुठला सकती कि एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ सबसे भयानक नरसंहार उनके शासनकाल में हुए. वर्षों तक वे सत्ता में रहे लेकिन एससी और एसटी समुदायों को सशक्त करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. संसद में गृह मंत्री ने कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया, जिसमें उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने कैसे डॉ. अंबेडकर का अपमान किया और एससी/एसटी समुदायों की अनदेखी की. इस सच्चाई से कांग्रेस बौखलाई हुई है और अब नौटंकी पर उतर आई है. लेकिन दुर्भाग्य से उनके लिए, लोग सच्चाई जानते हैं!”

“डॉ अंबेडकर के दम पर हमारा मुक़ाम क़ायम है”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी ख़ुद जब लोकसभा में संविधान की बहस में अपना संबोधन दे रहे थे, तब उन्होंने भी इमरजेंसी से लेकर पंडित नेहरू के कार्यकाल के दौरान ख़ामियों को गिनाया था. साथ ही कांग्रेस की पुरवर्ती सरकारों पर आरोप लगाए कि उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को वाजिब सम्मान नहीं दिया. जबकि, आज वोट बैंक के लिए संविधान और बाबा साहेब को अपनाने का दम भर रहे हैं.

एक बार फिर अमित शाह के बयानों का बचाव करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकार के द्वारा किए गए कार्यों और डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति सम्मान का ज़िक्र किया. उन्होंने लिखा, “हमारी सरकार ने पिछले एक दशक में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के vision को पूरा करने के लिए दिन-रात मेहनत की है. चाहे कोई भी क्षेत्र हो – 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालना हो, एससी/एसटी एक्ट को मजबूत बनाना हो, या फिर स्वच्छ भारत अभियान, पीएम आवास योजना, जल जीवन मिशन, उज्ज्वला योजना जैसे हमारी सरकार के प्रमुख कार्यक्रम हों – इन सभी ने गरीब और वंचित वर्गों के जीवन को छुआ है.”

उन्होंने बताया कि केंद्र की बीजेपी की सरकार ने अंबेडकर से जुड़े पांच महत्वपूर्ण स्थानों को विकसित करने के लिए पंचतीर्थ स्थान पर काम किया. चैत्य भूमि के विवाद को सुलझाने से लेकर दिल्ली के अलीपुर रोड के विकास का भी उन्होंने ज़िक्र किया. अलीपुर रोड स्थित 26 नंबर भवन में डॉ. अंबेडकर ने अपने जीवन के अंतिम वर्ष बिताए थे. इसके अलावा उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने लंदन स्थित उस घर को भी अधिग्रहित कर लिया है, जहां अंबेडकर रहते थे.

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