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“मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं…”, बोले PM Modi, बताया जिनपिंग ने उनके गांव से किस ‘कनेक्शन’ की कही थी बात

PM Modi

पीएम मोदी

PM Modi: जेरोधा के को-फॉउंडर निखिल कामथ के पॉडकास्ट में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने जीवन, अनुभवों और राजनीतिक सफर के कई पहलुओं को शेयर किया. पॉडकास्ट के दौरान पीएम मोदी ने न केवल अपने जीवन के महत्वपूर्ण अनुभवों को शेयर किया, बल्कि यह भी स्वीकार किया कि गलतियां इंसानी स्वभाव का हिस्सा हैं. उन्होंने कहा, “गलतियां होती हैं और मैं भी कुछ गलतियां कर सकता हूं. मैं भी इंसान हूं, भगवान नहीं.”

शी जिनपिंग के साथ जुड़ी खास यादें

पीएम मोदी ने 2014 में पीएम बनने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ हुई बातचीत को याद किया. उन्होंने बताया कि शी जिनपिंग ने मुझे कॉल कर भारत आने की इच्छा जताई और खास तौर पर गुजरात और उनके गांव की यात्रा करने की बात कही. शी जिनपिंग ने यह भी बताया कि ह्वेन त्सांग उनके गांव में रुके थे, ह्वेन त्सांग ने पीएम मोदी के गांव में भी समय बिताया था.

बचपन के दोस्तों से जुड़ी यादें

वहीं इस पॉडकास्ट में बचपन के दोस्तों के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्होंने छोटी उम्र में ही अपने घर और रिश्तों को छोड़ दिया था. उन्होंने जीवन में एक भटकते हुए इंसान के रूप में दिन बिताए, जिससे उनके पुराने दोस्तों से संपर्क टूट गया. सीएम बनने के बाद उन्होंने अपने पुराने सहपाठियों को सीएम आवास पर बुलाया और उनके साथ समय बिताया. हालांकि, उन्हें इस मुलाकात से ज्यादा संतुष्टि नहीं मिल पाई क्योंकि उनके दोस्त उन्हें एक दोस्त की बजाय एक सीएम के तौर पर देख रहे थे. उन्होंने कहा, “मेरे जीवन में अब ऐसा कोई नहीं है जो मुझे ‘तू’ कह सके.”

गोधरा कांड की यादें

पीएम ने गोधरा कांड को याद करते हुए बताया कि 24 फरवरी 2002 को वह पहली बार विधायक बने और तीन दिन बाद, 27 फरवरी को गोधरा कांड की घटना घटी. उन्होंने कहा कि घटना के दौरान वह विधानसभा में थे और ट्रेन में आग लगने और हताहतों की खबरें सुनकर चिंतित हो गए थे. फिर वे गोधरा के लिए निकल गए.

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बताया कि इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोलते हैं

पीएम ने कहा, “मेरे बारे में अक्सर लोग सवाल पूछते हैं कि आप इतनी अच्छी हिंदी कैसे बोलते हैं? मैं चाय बेचता था तो अक्सर उन लोगों को चाय पिलाने जाता था. उनसे बात करनी पड़ती थी, उनकी बात करते-करते मैं हिंदी सीख गया. आपके अपने भीतर से किसी विषय को लेकर जब चीजें निकलती हैं. डिलीवरी की स्टाइल क्या है, डायलॉग कैसे बोल रहे हैं, यह मायने नहीं रखता. आप जो बोल रहे हैं उससे आप संतुष्ट हैं या नहीं.”

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