PM Modi Letter: लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों के नाम एक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने इस चिट्ठी में केंद्र सरकार के 10 सालों के दौरान लिए गए फैसलों और योजनाओं का जिक्र किया है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि आपका और हमारा साथ अब एक दशक पूरा करने जा रहा है. मेरे 140 करोड़ परिवारजनों के साथ विश्वास, सहयोग और समर्थन से जुड़ा यह मजबूत रिश्ता मेरे लिए कितना विशेष है, इसे शब्दों में व्यक्त कर पाना कठिन है.
‘लोकतंत्र की खूबसूरती जनभागीदारी और जनसहयोग में’
देशवासियों से सुझाव मांगते हुए उन्होंने लिखा, ‘विकसित भारत के निर्माण के जिस संकल्प के साथ देश आगे बढ़ रहा है, उसकी पूर्ति में मुझे आपके विचारों, सुझावों, साथ और सहयोग की आवश्यकता है.’ उन्होंने आगे लिखा कि लोकतंत्र की खूबसूरती जनभागीदारी और जनसहयोग में है. देशहित के लिए बड़े फैसले लेने, बड़ी योजनाएं बनाने और उन्हें सुचारू रूप से लागू कर पाने की शक्ति और ऊर्जा मुझे आपके विश्वास और सहयोग से ही प्राप्त होती रही है.
सरकार ने किए ईमानदार प्रयास
चिट्ठी में पीएम ने आगे लिखा, ‘लोगों के जीवन में आया सकारात्मक बदलाव ही बीते 10 वर्षों में हमारी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि और सबसे बड़ी पूंजी है. अपनी हर नीति, हर निर्णय के जरिए गरीबों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के जीवन स्तर को सुधारने और सशक्त बनाने के लिए कृतसंकल्पित सरकार ने जो ईमानदार प्रयास किए हैं, उनके सार्थक परिणाम हमारे सामने हैं.’
10 वर्षों में लागू किए गए योजनाओं का किया जिक्र
10 वर्षों के कार्यकाल के दौरान लागू किए गए योजनाओं का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए पक्के मकान, सभी के लिए बिजली, पानी, गैस की समुचित व्यवस्था, आयुष्मान भारत योजना के जरिए इलाज की व्यवस्था, किसान भाई-बहनों को आर्थिक मदद, मातृ वंदना योजना के जरिए माताओं-बहनों को सहायता जैसे अनेक प्रयास सिर्फ और सिर्फ इसलिए फलीभूत हो पाए हैं, क्योंकि लोगों का भरोसा और विश्वास मेरे साथ था.’
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PM Modi ने किया कड़े फैसलों का जिक्र
केंद्र की BJP सरकार के कड़े फैसलों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘यह लोगों का विश्वास और समर्थन ही था कि जीएसटी लागू करना, धारा 370 समाप्त करना, तीन तलाक पर नया कानून, संसद में महिलाओं के लिए नारी शक्ति वंदन अधिनियम, नए संसद भवन का निर्माण, आतंकवाद और नक्सलवाद पर कठोर प्रहार जैसे अनेक ऐतिहासिक और बड़े फैसले लेने से हम चूके नहीं.’