Pollution: दुर्गा पूजा के बाद से ही राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. बढ़ते प्रदूषण के बीच दिवाली पर हुई जम कर आतिशबाजी ने हालात और खराब करे दिया है. प्रदूषण के कारण दिल्ली में स्वास्थ संबंधी परेशानियां भी बढ़ी है. दिल्ली का AQI खराब’ श्रेणी में है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार इलाके में AQI 400 अंक को पार कर गया है, जो मंगलवार को 457 दर्ज किया गया है. जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है. वहीं, दिल्ली के जहांगीरपुरी में AQI 440 दर्ज किया गया है. दिल्ली-NCR में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रैप-2 लागू कर दिया गया है.
NCR में हवाएं हो रही जहरीली
दिल्ली के अलावा NCR में भी हवाएं जहरीली हो गई है. NCR की बात करें तो ग्रेटर नोएडा का AQI 306 तक है. वहीं गाजियाबाद में 319, नोएडा में 308, गुरुग्राम में 316, फरीदाबाद में 272 AQI पहुंच गया है.
पराली जलाने पर लगानी होगी पूर्ण रोक
दिल्ली का AQI अब गंभीर श्रेणी में है. सोमवार को भी दिल्ली की हवाएं जहरीली हुई थी. Indian Institute of Tropical Meteorology (IITM), पुणे के अध्ययन के मुताबिक सोमवार को दिल्ली के प्रदूषण के स्तर में पराली जलाने का वास्तविक योगदान 23.4% था. वहीं, शनिवार को दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने का योगदान लगभग 15% और रविवार को 20% था. इसका मुख्य कारण पड़ोसी राज्यों में लगातार पराली जलाना है, इससे दिल्ली की वायु गुणवत्ता काफी प्रभावित होती है. यही कारण है कि दिल्ली की हवाएं जहरीली हो रही है.
गाड़ियों से भी बढ़ रहा प्रदूषण
IITM के अध्ययन के अनुसार दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कारण केवल पराली ही नहीं है. अध्ययन में यह भी सामने आया है कि यहां 13.7 प्रतिशत प्रदूषण गाड़ियों से निकलने वाले धुएं के कारण भी है. ऑफिस जाने वाले लोगों की गाड़ियां और दिल्ली NCR के इलाकों में, फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण का 3.4 प्रतिशत योगदान रहा है. वही, निर्माण गतिविधियों के कारण लगभग 2% फीसदी और सड़क की धूल दिल्ली में कुल प्रदूषण का 1% हिस्सा था.
कैसे मापी जाती हैAQI ?
किसी क्षेत्र का AQI जीरो से 50 के बीच है तो AQI ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 से 100 AQI होने पर ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’माना जाता है, अगर किसी जगह का AQI 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का AQI ‘खराब’ माना जाता है. अगर AQI 301 से 400 के बीच हो तो बहुत खराब’ और 401 से 500 के बीच AQI होने पर ‘गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है. वायु प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं. इसी के आधार पर दिल्ली-एनसीआर में ग्रैप श्रेणी की पाबंदियां लगाई जाती हैं.
GRAP क्या है ?
ग्रैप (GRAP) यानी फुल फॉर्म ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान है. ये सरकार की एक योजना है, जिसे दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण के खिलाफ बनाया गया है. इस प्लान के जरिए प्रदूषण को कंट्रोल किया जाता है. दरअसल, इसके कई चरण हैं और ये चरण भी बढ़ते प्रदूषण के साथ बढ़ते जाते हैं. वैसे ही दिल्ली में पाबंदियां भी बढ़ाई जाती है.
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GRAP के कितने 4 चरण हैं ?
GRAP को 4 चरणों में बांटा गया है. जब दिल्ली में हवा 201 से 300 AQI तक खराब होती है तो पहला चरण लागू किया जाता है. इसके बाद दिल्ली का AQI 301 से 400 तक पहुंच जाता है तो इसका दूसरा चरण लागू हो जाता है. जब हवा ज्यादा खराब हो जाए यानी AQI 400 से भी ज्यादा हो जाए तो तीसरा चरण और हालात ज्यादा खराब होने पर GRAP का चौथा लेवल लागू कर दिया जाता है.
GRAP-2 की पाबंदियां लागू
डीजल जनरेटर चलने पर रोक.
प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस को बढ़ाया जाएगा.
प्रतिदिन सड़कों पर मैकेनिकल/वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव होगा.
सीएनजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस को बढ़ाया जाएगा.
RWA अपने सिक्योरिटी गार्ड को हीटर देंगी ताकि वे गर्माहट के लिए कूड़ा, लकड़ी या कोयला न जलाएं.
नैचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जेनरेटर चल सकेंगे.
800kwa से अधिक क्षमता वाले जेनरेटर तभी चल सकेंगे जब वह रेट्रोफिटिंग करवाएंगे.