Pune Hit And Run Case: महाराष्ट्र के पुणे में अपनी तेज रफ्तार लग्जरी कार से दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचलने के आरोपी 17 वर्षीय लड़के के पिता को 24 मई तक पुलिस कस्टडी में भेजा गया है. इससे पहले जब आरोपी के पिता को पुलिस कोर्ट में पेश करने ले जा रही थी, उस समय लोगों ने उस पुलिस वैन पर स्याही से हमला किया. शनिवार को आरोपी ने अपनी लक्जरी पोर्शे टायकन से दो लोगों को टक्कर मार दी थी. इस हादसे में मध्य प्रदेश के दो इंजीनियरों की मौत हो गई थी.
17 साल 8 महीने है आरोपी का उम्र
जानकारी के मुताबिक, जब यह हादसा हुआ उस वक्त आरोपी का उम्र 17 साल 8 महीने थी. इसके चलते पुलिस ने इस एक्सीडेंट के केस में नाबालिग के पिता को गिरफ्तार किया है. फिलहाल केस की कार्रवाई और तहकीकात चल रही है. हालांकि, अब आपोरी के पिता को पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है. अब क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय द्वारा 1 जून से नए नियम जारी किए जाने है. ऐसे में चलिए आज जानते हैं कि नाबालिग के गाड़ी चलाने पर पिता को कितना देना होता है चालान और क्या पिता को भी जेल हो सकती है?
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नाबालिगों के लिए नशे में गाड़ी चलाने के कानून
नाबालिग के गाड़ी चलाने से हुए हादसे में अभिभावक या मोटर वाहन के मालिक को दोषी ठहराया जाएगा और किशोर को अधिनियम में प्रावधान के अनुसार जुर्माना और अन्य दंड का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही अभिभावक को 25,000 रुपये जुर्माने के साथ तीन साल तक की जेल हो सकती है. इसके अलावा जिस गाड़ी से हादसा हुआ हो उसका रजिस्ट्रेशन 12 महीने के लिए रद्द कर दिया जाएगा.
नाबालिग को धारा 8 के तहत लर्नर परमिट या धारा 9 के तहत ड्राइवर लाइसेंस के लिए पात्र होने के लिए 25 वर्ष का होने तक इंतजार करना होगा. वहीं कारावास से जुड़ी किसी भी सजा को किशोर न्याय अधिनियम, 2000 (2000 का 56) के अनुसार बदला जा सकता है. पुणे की घटना ने भारत में नशे में गाड़ी चलाने और सड़क सुरक्षा पर इसके प्रभाव की ओर ध्यान आकर्षित किया है.