Punjab Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी से यह पता लगाने को कहा है कि कहीं फर्जी शादी की आड़ में धर्म परिवर्तन का कोई रैकेट तो नहीं चल रहा है. अदालत ने हैरानी और निराशा जताते हुए एक संरक्षण याचिका में पाया कि तस्वीरों के अनुसार, शादी एक ऑटो-रिक्शा में हुई, जबकि घोषणापत्र में कहा गया था कि मस्जिद में निकाह किया गया.
संदीप मौदगिल की पीठ ने दिया आदेश
“झूठी घोषणा” को गंभीरता से लेते हुए जस्टिस संदीप मौदगिल की पीठ ने कहा, “यह कृत्य न केवल याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को गुमराह करने के समान है, बल्कि अदालत के साथ झूठी गवाही देने का गंभीर अपराध है. पूरी कार्यवाही गुप्त उद्देश्यों से दूषित प्रतीत होती है और शादी की आड़ में अदालत को मूर्ख बनाने की कोशिश की गई है.”
बता दें कि जान को खतरा बता ऑटो में निकाह करने वाले दंपत्ति की याचिका पर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने हैरानी जताई है. हाई कोर्ट के समक्ष फतेहगढ़ साहिब के प्रेमी जोड़े की सुरक्षा की मांग वाली याचिका सुनवाई के लिए पहुंची थी. याचिका में बताया गया कि मुस्लिम रीति रिवाजों के साथ नया गांव की मस्जिद में उनका निकाह हुआ है. लड़की के परिजनों से दंपती को जान का खतरा है और ऐसे में उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाए.
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ऑटो में हुआ था निकाह: हाई कोर्ट
पंजाब सरकार ने बताया कि नया गांव पुलिस ने दंपती को सुरक्षा के उद्देश्य से संपर्क भी किया था, लेकिन दिए गए पते पर वे मौजूद नहीं थे. हाई कोर्ट ने जब फाइल देखी तो उसमें पाया गया कि निकाल ऑटो में हुआ था. इसके बाद हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की यह कृत्य हाई कोर्ट को गुमराह करने के समान है. अब हाई कोर्ट ने एसएसपी को मामले की जांच के लिए कहा है.