Parliament Session: नीट यूजी पेपर लीक का मुद्दा सड़क के बाद संसद में पहुंच गया है. विपक्ष द्वारा शुक्रवार (28 जून) को लोकसभा में नीट पेपर लीक पर चर्चा के लिए समय देने की मांग की गई, लेकिन स्पीकर ओम बिरला ने तुरंत समय देने से इनकार कर दिया. इसके बाद हुए हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई है.
नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बताया कि सभी विपक्षी दल के फ्लोर लीडर्स की बैठक में नीट पर चर्चा को लेकर सहमति बनी है. उन्होंने संसद के बाहर मीडिया से कहा, “मैं प्रधानमंत्री जी से अनुरोध करता हूं कि यह युवाओं का मुद्दा है और इस पर उचित तरीके से चर्चा होनी चाहिए. आप भी चर्चा में शामिल हों, क्योंकि यह युवाओं का मामला है. संसद से यह संदेश जाना चाहिए कि हिंदुस्तान की सरकार और विपक्ष मिलकर छात्रों के बारे में बात कर रहे हैं.”
राहुल ने संसद में उठाया नीट पेपर लीक का मुद्दा
राहुल गांधी ने सदन में नीट का मुद्दा उठाया और विपक्षी सांसदों के साथ मिलकर इस मामले पर चर्चा की मांग की. गांधी ने कहा कि हम विपक्ष और सरकार की ओर से भारत के छात्रों को एक संयुक्त संदेश देना चाहते थे कि हम इस मुद्दे को जरूरी मानते हैं. इसलिए हमने सोचा कि छात्रों के सम्मान के लिए हम आज नीट पर चर्चा करेंगे. उधर, स्पीकर ओम बिरला ने उनसे आग्रह किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की जाए. वहीं, जब विपक्ष ने बात नहीं मानी तो सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई है.
कांग्रेस का आरोप माइक बंद किया गया
कांग्रेस ने इस मुद्दे को एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, “एक ओर पीएम नरेंद्र मोदी नीट पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज सदन में उठा रहे हैं. लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है.”
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पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप
नीट यूजी पेपर गत पांच मई को आयोजित हुई थी. परीक्षा के बाद से ही अभ्यर्थियों ने पेपर लीक और परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे. छात्रों ने परीक्षा रद्द करने और मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर प्रदर्शन भी किया. इस बीच, एनटीए ने 1563 छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क हटा कर उनके लिए दोबारा परीक्षा का आयोजन किया था. साथ ही पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है. बहुत से छात्रों ने नीट-यूजी परीक्षा के बारे में विभिन्न उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में याचिकाएं दाखिल कर रखी हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सभी मामलों पर नोटिस जारी कर आठ जुलाई को एक साथ सुनवाई पर लगाने का आदेश दे रखा है.