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बेंगलुरू में गृह मंत्री अमित शाह से मिले राजा भैया, क्या यूपी में अब बदलेगा माहौल?

Raja Bhaiya Amit Shah

Raja Bhaiya Amit Shah

Raja Bhaiya Amit Shah Meeting: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई है. सूत्रों के मुताबिक, बेंगलुरु के एक मित्र के जरिए उनकी ये मुलाकात हुई है. कहा ये भी जा रहा है कि दोनों नेताओं की जल्द ही दूसरे राउंड की मुलाकात भी होने वाली है. इस मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि भविष्य में जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और बीजेपी के गठबंधन हो सकती है.

बता दें कि राम मंदिर के मुद्दे पर राजा भैया बीजेपी का समर्थन करते आए हैं. दरअसल, इस लोकसभा चुनाव में राजा भैया चाहते थे कि पार्टी के नेता शैलेंद्र कुमार चुनाव लड़े और बीजेपी उनका साथ दे पर ये नहीं हो पाया. बीजेपी ने वर्तमान सांसद विनोद सोनकर को ही टिकट दिया है. विधानसभा के अंदर भी राजा भैया बीजेपी और योगी सरकार की नीतियों की तारीफ कर चुके हैं. राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल के यूपी में दो विधायक हैं. राजा भैया का प्रभाव क्षेत्रीय नेता के तौर पर पूरे प्रदेश में माना जाता है, लेकिन यूपी के कई ज़िलों में उनका विशेष प्रभाव और राजनीतिक दखल है.

1993 में राजा भैया ने जीता था पहला चुनाव

1969 में जन्मे राजा भैया ने लखनऊ विश्वविद्यालय से कानून में स्नातक किया है. 1993 में उन्होंने अपना पहला चुनाव कुंडा विधानसभा क्षेत्र से जीता. इसके बाद राजा भैया ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब तक राजा भैया 6 बार चुनाव जीत चुके हैं.  हालांकि, 1997 में उन्होंने तब सुर्खियां बटोरीं जब उन्होंने भाजपा सरकार से मायावती के समर्थन वापस लेने के बाद विधानसभा में कल्याण सिंह के विश्वास मत का समर्थन किया था.

राजा भैया हमेशा से मुलायम सिंह यादव के काफी करीब रहे हैं. राजा भैया भले समाजवादी पार्टी के सदस्य कभी ना रहे हों, लेकिन वह पार्टी के नजदीक हमेशा रहे. सीएम चाहे मुलायम सिंह बने या फिर अखिलेश यादव, राजा भैया दोनों ही सरकार में मंत्री बने.

मायावाती सरकार में राजा भैया पर लगा था ‘पोटा’

 

दरअसल साल 2002 में मायावती जब सीएम थीं तब उन्होंने राजा भैया पर पोटा लगा कर जेल में डाल दिया था. उनपर और भी कई धाराएं लगी थीं. जब राजा भैया तब करीब 10 महीने तक जेल में रहे थे. हालांकि, कुछ महीने बाद मायावती की सरकार गिर गई और मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सीएम बनने के तुरंत बाद मुलायम ने राजा भैया पर से पोटा जैसी गंभीर धाराएं हटाई जिससे उन्हें जमानत मिल गई.

साल 2018 में राजा भैया ने बनाई थी खुद की पार्टी

बता दें कि छह बार निर्दलीय विधायक बनने वाले राजा भैया ने 30 नवंबर 2018 को अपनी पार्टी जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) बनाई थी. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार पार्टी ने भागीदारी की थी. उस चुनाव में प्रतापगढ़ से अक्षय प्रताप सिंह और कौशांबी से शैलेंद्र कुमार को चुनाव मैदान में उतारा गया था, लेकिन दोनों को ही हार मिली थी. पार्टी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में भी प्रत्याशी खड़े किए थे. पार्टी 24 सीटों पर लड़ी थी, जिसमें राजा भैया समेत दो उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. अब एक बार फिर से राजा भैया सुर्खियों में आए हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या राजा भैया की अमित शाह से मुलाकात के बाद यूपी में माहौल बदलता है या नहीं.

 

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