Rajasthan OBC Reservation: राजस्थान में बीजेपी सरकार कथित तौर पर अपनी अन्य पिछड़ी जातियों (OBC) सूची में 14 मुस्लिम समूहों की समीक्षा करने पर विचार कर रही है. राजस्थान के सामाजिक न्याय मंत्री ने कहा कि सरकार इस पर फैसला 4 जून के बाद लेगी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट में अविनाश गहलोत के हवाले से कहा गया है, “हम 4 जून के बाद जांच करेंगे कि 1997 से 2013 तक इन (मुस्लिम) समुदायों को ओबीसी सूची में शामिल करना कानूनी था या अवैध.”
गहलोत ने कहा कि संविधान के तहत धर्म के आधार पर किसी भी जाति, समुदाय या वर्ग को आरक्षण दिए जाने पर रोक है. उन्होंने कहा कि सरकार को इस संबंध में बहुत सारी शिकायतें मिली हैं और हमारा विभाग इन शिकायतों की जांच कर रहा है. मंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया जाएगा.
राजस्थान में ओबीसी को 21 फीसदी आरक्षण
हाल ही में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा मार्च 2010 से मई 2012 के बीच मुस्लिम रिजर्वेशन के लिए पारित सभी आदेश रद्द कर दिये. सरकार इन आदेशों के जरिये मुस्लिम समुदाय की 75 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत आरक्षण दिया था. गौरतलब है कि राजस्थान में वर्तमान में कुल 64% आरक्षण दिया जा रहा है. इसमें सबसे ज्यादा ओबीसी को 21 फीसदी, दलित समुदाय को 16 फीसदी, आदिवासी समुदाय को 12 फीसदी, 10% आरक्षण ईडब्ल्यूएस और 5% आरक्षण अति पिछड़ा वर्ग को भी दिया गया है.
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बीजेपी ने उठाए सवाल
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बीजेपी ने मुसलमानों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे को खूब उठाया है. जब पिछले महीने राजस्थान में जनसभा को संबोधित करने पीएम मोदी पहुंचे थे तो उन्होंने कहा था, “कांग्रेस ने कई बार एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कमी करके मुसलमानों को देने की कोशिश की है और वह संविधान की परवाह नहीं करती. पीएम मोदी ने कहा था, “मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं, क्या वह इस बात का ऐलान करेगी कि वह दलित आदिवासी और पिछड़े समुदाय का आरक्षण कम नहीं करेगी और इसे मुसलमानों को नहीं देगी. उन्होंने कहा था कि कांग्रेस को देश से इस बारे में वादा करना चाहिए.”
अब हाल ही में बंगाल में 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया गया, साथ ही 37 समुदायों को दिए गए ओबीसी के दर्जे को भी खत्म कर दिया गया. इसके ठीक बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ममता बनर्जी सरकार ने बिना कोई सर्वे के 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी आरक्षण का लाभ दे दिया. शाह ने कहा था कि अपनी वोट बैंक की नीति के कारण ममता बनर्जी ने ओबीसी समुदाय को मिलने वाले आरक्षण को छीनकर मुसलमानों को दे दिया था. शाह ने अदालत के फैसले का स्वागत किया था.
इतना ही नहीं राजस्थान के सीएम भजनलाल शर्मा भी चुनाव प्रचार के दौरान यूपी में कहा था कि ममता बनर्जी ने बिना किसी सर्वे के 118 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में शामिल कर लिया था और सभी को आरक्षण दे दिया था. लेकिन हाई कोर्ट ने ममता बनर्जी की तुष्टिकरण की राजनीति पर ताला लगा दिया. भजन लाल ने कहा था कि हमारा संविधान धर्म के आधार पर किसी तरह के आरक्षण को स्वीकार नहीं करता है.