Rajasthan Politics: राजस्थान सरकार कक्षा 8 पास करने वाली और फिर कक्षा 9 में सरकारी स्कूल में दाखिला लेने वाली छात्राओं को साइकिल देती है. राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए साल 2011 में मुफ्त साइकिल वितरित करने की योजना शुरू की गई थी. हालांकि, राजनीति के चलते लगातार सरकारों का ध्यान साइकिलों के रंग पर जाता रहा है. सरकार बदलने के साथ ही इस साइकिल का रंग भी बदलता रहा. आखिरी बार नवंबर 2021 में मुफ्त साइकिलें वितरित की गई थीं. तब साइकिलें काले रंग की थीं.
भगवा रंग की साइकिलें देने की घोषणा
अबकी बार राजस्थान सरकार ने छात्राओं को भगवा रंग की साइकिलें देने की घोषणा की है. लिहाजा अब रंग को लेकर राजनीति भी गर्म हो गई है. राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा दोनों सरकारें साइकिलों को लेकर एक तरह की ‘रंग युद्ध’ में लगी हुई हैं. इसलिए एक बार फिर जैसे ही भजनलाल सरकार ने साइकिल वितरित करने का फैसला किया, इन साइकिलों का रंग काले से भगवा हो गया. इस संबंध में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि रंग बदलने के पीछे कोई खास मकसद नहीं है. पहले भी साइकिल का रंग भगवा था, जिसे कांग्रेस ने बदलकर काला कर दिया. उन्होंने कहा कि भगवा रंग वीरता और शौर्य का प्रतीक है. जब हमारा देश आजाद हुआ तो देशभक्त इसी रंग की पोशाक पहनकर क्रांति करते थे. जब अग्नि जलाई जाती है तो उसका रंग भगवा होता है. जब पूरी दुनिया को रोशनी देने वाले सूर्यदेव उगते हैं तो उसका रंग भी इसी रंग का होता है.
वसुंधरा राजे सरकार में भी भगवा रंग का चलन
गौरतलब है कि वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार (2013-2018) के कार्यकाल में लाभार्थियों को योजना के तहत भगवा रंग की साइकिलें मिली थीं. हालांकि, 2018 में राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इनका रंग बदलकर काला कर दिया गया. इस साल प्रदेश की 8 लाख बालिकाओं को काले रंग की साइकिलों की जगह भगवा रंग की साइकिलें दी जाएंगी, जिसके लिए शिक्षा विभाग ने टेंडर भी जारी कर दिया है.
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रंग बदलने की वजह से बढ़ा टेंडर रेट!
सूत्रों के मुताबिक इस बार रंग बदलने की वजह से टेंडर रेट में 15 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल (कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में) काले रंग की साइकिलें 133 करोड़ रुपये में खरीदी गई थीं. प्रत्येक साइकिल 3857 रुपये में खरीदी गई थी. हालांकि, इस बार प्रत्येक साइकिल की कीमत में 76 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद एक साइकिल की कीमत 3933 रुपये हो गई है. इसके चलते सरकार को मुफ्त साइकिल योजना पर 150 करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने होंगे. साइकिल का रंग ही भाजपा नीत राज्य सरकार द्वारा किया गया एकमात्र बदलाव नहीं है, स्कूलों में दूध की जगह बाजरा उपलब्ध कराने की योजना चल रही है.
स्कूलों में न दूध मिल रहा न ही मोटा अनाज
पिछली गहलोत सरकार के दौरान शैक्षणिक सत्र 2023-24 में पूरे सत्र की आवश्यकता के अनुसार सरकारी स्कूलों में दूध पाउडर की आपूर्ति की गई थी. इस दौरान राज्य सरकार ने सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों को मोटा अनाज उपलब्ध कराने की भी घोषणा की है, लेकिन अब सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को न तो दूध मिल रहा है और न ही मोटा अनाज.
दिलावर ने हाल ही में कहा कि मौजूदा हालात में सभी बच्चे बाल गोपाल योजना का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं. स्कूलों में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं, जो पाउडर वाला दूध पीना पसंद नहीं करते हैं. सभी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण गाय का दूध उपलब्ध कराना संभव नहीं है. ऐसे में इस योजना को बंद करने पर विचार किया जा रहा है, साथ ही विभाग स्कूली विद्यार्थियों को दूध की जगह मोटा अनाज देने पर भी विचार कर रहा है.
शीतकालीन अवकाश खत्म करने जा रही बीजेपी सरकार!
राजस्थान सरकार पहली बार 25 दिसंबर से स्कूलों में शीतकालीन अवकाश खत्म करने की योजना बना रही है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि शीतकालीन अवकाश 25 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर तक होते हैं, लेकिन इस बार हम शीतकालीन अवकाश पूर्व निर्धारित तिथि पर घोषित करने की बजाय अधिक ठंड होने पर घोषित करेंगे. उन्होंने कहा कि शीतकालीन अवकाश के बाद भी कड़ाके की ठंड पड़ती है.
कड़ाके की ठंड के कारण स्कूलों को फिर से अवकाश घोषित करने पर मजबूर होना पड़ता है, जिससे पढ़ाई का नुकसान होता है. इसलिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि स्कूल तभी बंद किए जाएं, जब प्रदेश में अधिक ठंड हो. माना जा रहा है कि शिक्षा विभाग शीतकालीन अवकाश की तिथि बदलने की तैयारी में जुट गया है, जल्द ही इसकी घोषणा की जा सकती है.