Rajya Sabha News: लोकसभा और विधानसभा चुनावों में पराजित होने वाली आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) और ओडिशा की बीजू जनता दल (BJD) को राज्यसभा में अपनी ताकत के कारण भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई वाली NDA सरकार के लिए अभी भी बेहद मायने रखती है. दरअसल, राज्यसभा में सांसदों की संख्या के कारण कानून बनाने के मामले में अभी भी कुछ बोलने का अधिकार होगा.
YSRCP के पास फिलहाल 11 राज्यसभा सांसद
आंध्र प्रदेश में NDA की सहयोगी दल TDP से हारने वाली YSRCP के पास फिलहाल 11 राज्यसभा सांसद हैं. वहीं ओडिशा में भाजपा से हारने वाली BJD के संसद के ऊपरी सदन में नौ सांसद हैं. बता दें कि, वर्तमान में 245 सदस्यीय राज्यसभा में 117 NDA के सांसद, 80 INDIA ब्लॉक के सांसद और 33 अन्य दलों के सांसद हैं. वहीं निर्वाचित सदस्यों के लिए 10 और मनोनीत सदस्यों के लिए पांच पद अभी खाली हैं. 10 सांसदों के लिए चुनाव की तारीख की घोषणा की जानी है. BJP के पास इनमें से कम से कम छह सीटें जीतने की ताकत है. ऐसे में राज्यसभा के अंदर किसी कानून को पारित करने के लिए NDA को दूसरों के समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि YSRCP और BJD का समर्थन BJP के काम को और भी आसान बना देगा.
BJD ने अभी तक नहीं बताई अपनी रणनीति
वहीं BJD ने अभी तक अपनी राज्यसभा रणनीति के बारे में कुछ नहीं कहा है. गौरतलब है कि, पिछले कुछ सालों में BJD संसद में ज़्यादातर BJP के साथ गठबंधन में रही है. वहीं दूसकरी ओर YSRCP ने कहा है कि वह BJP के नेतृत्व वाली NDA सरकार को सही मुद्दे पर अपना समर्थन दे सकती है. पिछले हफ़्ते दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में YSRCP नेता वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि वह BJP के नेतृत्व वाली NDA को सही मुद्दे पर अपना समर्थन देगी. उन्होंने दावा किया कि केंद्र सरकार से आंध्र प्रदेश में चुनावी हिंसा का जायजा लेने का आग्रह किया है और कहा कि NDA को राज्यसभा में विधेयक पारित करने के लिए हमारे सांसदों की जरूरत होगी. बता दें कि उन्होंने आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव में TDP के खिलाफ ज्यादती करने का आरोप लगाया है.
सदन में UCC का समर्थन नहीं करेगी YSRCP
बता दें कि, YSRCP ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर BJP के बाद NDA की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी TDP पर चुनाव के दौरान ज्यादती करने का आरोप लगाया है. साथ ही वी विजयसाई रेड्डी ने कहा कि BJP को हमारी शिकायत पर ध्यान देना होगा क्योंकि हमारे पास लोकसभा और राज्यसभा दोनों में मिलाकर 15 सांसद हैं. यह TDP के सांसदों की संख्या से सिर्फ़ एक सांसद कम है. बता दें कि YSRCP ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि पार्टी समान नागरिक संहिता(UCC) जैसे किसी भी कानून का समर्थन नहीं करेगी. हालांकि, पार्टी ओर से यह सार्वजनिक नहीं किया है कि क्या वह एक राष्ट्र, एक चुनाव का समर्थन करेगी. वहीं BJD ने अभी तक UCC या एक राष्ट्र, एक चुनाव पर अपना रुख साफ नहीं किया है.
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अनुच्छेद 370, CAA पर BJP को दिया था समर्थन
गौरतलब है कि, पिछली लोकसभा के कार्यकाल के दौरान, YSRCP और BJD ने दोनों सदनों में अनुच्छेद 370 को हटाने और नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) जैसे कानून पारित करने में BJP का समर्थन किया था. बाद में YSRCP ने पिछले साल मार्च में कहा कि वह CAA के मौजूदा प्रारूप का समर्थन नहीं करती है. इससे पहले YSRCP ने आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर का विरोध किया था. ट्रिपल तलाक पर BJD ने BJP का समर्थन किया जबकि YSRCP ने इसका विरोध किया. वहीं दूसरी ओर YSRCP ने BJP सरकार के विवादास्पद कृषि कानूनों का समर्थन किया था. जिसे किसानों के एक साल के विरोध प्रदर्शन के बाद 2021 में निरस्त कर दिया गया था. वहीं BJD ने कृषि कानूनों का विरोध किया था.