Ram Navami: पश्चिम बंगाल में टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी अब राज्य में अपनी सियासी रणनीति को फिर से धार देने में जुट गई हैं. उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी की तैयारियों को तेज कर दिया है. रविवार को वह कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में एक मेगा रैली करेंगी. इससे पहले राज्य में पहली बार रामनवमी पर छुट्टी का ऐलान कर दिया गया है.
सरकार द्वारा रामनवमी पर शनिवार को छुट्टी का ऐलान कर दिया गया. इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है. नौ मार्च को इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार अब राज्य में आगामी 17 अप्रैल को रामनवमी पर सार्वजनिक अवकाश रहेगा. वहीं बीजेपी ने ममता सरकार के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कई सवाल पूछे हैं.
बीजेपी आईटी सेल के हेड अमित मालविय ने कहा, ‘ममता बनर्जी, जो हर बार ‘जय श्री राम’ सुनते ही गुस्से से नीली हो जाती थीं. अब पश्चिम बंगाल में राम नवमी (17 अप्रैल) को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया है. ऐसा उन्होंने अपनी हिंदू विरोधी छवि को भुनाने के लिए किया है. हालांकि बहुत देर हो चुकी है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि रामनवमी के जुलूस पर कोई पथराव न हो. क्या वह? जय श्री राम!’
हिंसा के कारण जमकर सियासी बवाल
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा के साथ ही काली पूजा और सरस्वती पूजा काफी धूम-धाम से मनाई जाती है. हालांकि बीते कुछ सालों के दौरान राम नवमी और हनुमान जयंती भी काफी उत्साह के साथ मनाई जाने लगी है. लेकिन बीते कुछ सालों के दौरान रामनवमी पर राज्य में हुई हिंसा के कारण जमकर सियासी बवाल हुआ है. बीजेपी इस हिंसा के लिए ममता सरकार को जिम्मेदार बताती रही है.
बता दें कि रामनवमी पर हिंसा की घटनाकों के लिए बीजेपी सरकार को सीधे जिम्मेदार बताती रही है. इस दौरान ममता बनर्जी पर विपक्षी दल ने तुष्टिकरण का आरोप लगाया है. बीते साल भी इस त्योहार पर हिंसा हुई थी और छुट्टी नहीं होने पर राजनीतिक बयानबाजी हो हुई थी.