Paytm crisis: देश की सबसे बड़ी ऑनलाइन कंपनियों में गिने जाने वाले पेटीएम के लिए मुश्किलें कम होने नाम ही नहीं ले रही हैं. वहीं पेटीएम को लेकर लाखों यूजर संशय में हैं. अब पूरे मामले पर यूजर्स को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(RBI) ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता दोहराते हुए RBI ने कहा कि हम लोगों के सवालों का जवाब देंगे. आरबीआई के इस फैसले से पेटीएम यूजर्स को बड़ी राहत मिली है. वहीं इस मामले पर आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी यूजर्स को भरोसा दिलाया है.
‘आरबीआई देश की एक जिम्मेदार रेगुलेटर’
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार, 8 फरवरी को कहा कि पेटीएम मामले में पिछले कुछ दिनों से आरबीआई को लोगों के बहुत सारे सवाल मिल रहे हैं. इस आधार पर चिंताओं को दूर करने के लिए अगले सप्ताह एफएक्यू (सवाल-जवाब) जारी करेंगे. उन्होंने आगे कहा कि पेटीएम मामले में व्यवस्था के स्तर पर चिंता करने वाली कोई बात नहीं है. उन्होंने कहा कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक पर आरबीआई की कार्रवाई नियमों के अनुपालन नहीं करने के कारण हुई है. उन्होंने यह भी कहा कि आरबीआई देश की एक जिम्मेदार रेगुलेटर है. वहीं उन्होंने पेटीएम पर सवाल करते हुए कहा कि अगर आरबीआई के दायरे में आने वाले वित्तीय संस्थान सभी नियमों को मानते, तो केंद्रीय बैंक को किसी के खिलाफ कार्रवाई करने की क्या जरूरत है.
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‘जमाकर्ता-ग्राहकों के हितों की सुरक्षा को ध्यान में’
आरबीआई के अन्य संस्थाओं के साथ काम करने के एक सवाल पर शक्तिकांत दास ने कहा कि द्विपक्षीय आधार पर आरबीआई अन्य संस्थाओं के साथ काम करता है और नियमों के अनुपालन के लिए उन्हें पर्याप्त समय देकर प्रोत्साहित भी करता है. किसी यूनिट पर निगरानी स्तर पर कार्रवाई तभी की जाती है, जब उनकी ओर से जरूरी कदम नहीं उठाए जाते हैं. रेगुलेटेड कंपनी (बैंक और NBFC) की ओर से प्रभावी कार्रवाई न होने पर हम कामकाज पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाते हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कार्रवाई जमाकर्ता अथवा ग्राहकों के हितों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर की जाती है.