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पाकिस्तान की इकोनॉमी से ढाई गुना बड़ा है RBI का बही-खाता, नई रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे

RBI Balance Sheet

RBI Balance Sheet

RBI Balance Sheet: भारत के लिए मई महीने में एक और गुड न्यूज़ आई है. 31 मार्च को समाप्त हुए वित्त वर्ष 2023-2024 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कमाल कर दिखाया है. दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट 11 प्रतिशत बढ़कर 70.85 लाख करोड़ रुपये हो गई. यह आंकड़ा इसलिए भी खास है क्योंकि यह पाकिस्तान के सकल घरेलू उत्पाद यानी की GDP से दोगुनी से भी ज्यादा है. एक साल पहले आरबीआई का बही-खाता  63.44 लाख करोड़ रुपये थी.

पाकिस्तान की जीडीपी से ढाई गुना बड़ा RBI का बैलेंस शीट

केंद्रीय बैंक की वार्षिक रिपोर्ट के आंकड़ों के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक भारतीय रिजर्व बैंक की बैलेंस शीट पाकिस्तान की बैलेंस शीट से 2.5 गुना बढ़कर 70.85 लाख करोड़ रुपये हो गई है. अमेरिकी डॉलर में अगर गणना करें तो आरबीआई की बैलेंस शीट बढ़कर 844.76 बिलियन डॉलर हो गई है. अभी पाकिस्तान का सकल घरेलू उत्पाद आकार 338.24 बिलियन डॉलर है. आरबीआई की बैलेंस शीट वित्त वर्ष 23 में 63.44 लाख करोड़ रुपये से 11 प्रतिशत बढ़ी. केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट कोरोना महामारी से पहले के स्तर पर लौट आई है.

सबसे खास बात ये कि आरबीआई ने वित्त वर्ष 2023-20424 में आय में 17.04 प्रतिशत की वृद्धि और व्यय में 56.30 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की है.आरबीआई ने वित्त वर्ष 24 में आकस्मिक निधि (Contingency Fund) के तहत 42,820 करोड़ रुपये रखे.

पाकिस्तान का आर्थिक संकट

बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था संकट से जूझ रही है. पिछले दिनों पड़ोसी देश ने अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से बेलआउट पैकेज मांगा है. देश ने घाटे को कम करने के लिए पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस का निजीकरण करने पर भी सहमति जताई है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था कई आपदाओं और राजनीतिक संकटों से जूझ रही है. रोजमर्रा की चीजों का दाम आसमान छू रही है. पेट्रोल की कीमत में तो मानो आग लगी हो. चिकन रोटी तो छोड़िए, पाकिस्तान के लोगों के लिए इस वक्त दाल रोटी भी जुटाना भारी पड़ रहा है. आईएमएफ के अनुसार, पाकिस्तान को अगले 5 वर्षों में अपनी अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए कम से कम 123 बिलियन डॉलर की आवश्यकता है.

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पाकिस्तान पर कितना कर्ज

हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि पाकिस्तान के ऊपर घरेलू और विदेशी ऋण  77.66 ट्रिलियन रुपए (271.2 बिलियन डॉलर) हैं. डॉन के मुताबिक, रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का विदेशी ऋण मुख्य रूप से कई लेनदारों से लिया गया है. इसमें पेरिस क्लब (6.3 प्रतिशत), बहुपक्षीय (30.1 प्रतिशत), अन्य द्विपक्षीय (19.1 प्रतिशत), वाणिज्यिक बैंक और टी-बिल (4.9 प्रतिशत), यूरोबॉन्ड ( 6.3 प्रतिशत), अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (5.7 प्रतिशत), बैंक (5.1 प्रतिशत) और निजी क्षेत्र की देनदारियां (12.7 प्रतिशत) हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का प्रति व्यक्ति ऋण 2011 में 823 डॉलर था, जो 2023 में बढ़कर 1,122 डॉलर हो गया है। 12 साल में इसमें 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

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