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Earthquake: रिंग ऑफ फायर का भूकंप से क्या है कनेक्शन? इस देश में सबसे ज्यादा हिलती है धरती

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Earthquake: दुनिया में हर दिन अलग- अलग देशों के शहर, प्रान्त और गांवों में भूकंप (Earthquake), सुनामी (Tsunami), आकस्मिक आपदा आती रहती है. लेकिन इन सब के बीच भूकंप एक ऐसी आपदा है जिससे लगभग हर देश प्रभावित है. तबाही की हर रोज खबरें आती हैं… कभी नेपाल (Nepal), कभी भारत (India), कभी जापान (Japan), कभी इंडोनेशिया (Indonesia). लेकिन क्या आपको पता है किस जगह सबसे ज्यादा भूकंप आता है? भूकंप के बचने के लिए ये देश क्या करता है? सबसे ज्यादा इसी देश में भूकंप आने की वजह क्या है? अगर नहीं तो इस खबर को पूरा पढ़िए.

किस देश में आता है सबसे ज्यादा भूकंप?

हाल ही में छपी यूनाइटेड स्टेट्स जोलॉजिकल सर्वे (United States Geological Survey) की एक रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा भूकंप जापान में आता है. जापान को भूकंप का केंद्र माना जाता है. जापान एक ऐसा देश है जहां हर रोज एक बार भूकंप जरूर आता है. इस साल की शुरुआत जापान के लिए बहुत भयावह रही. एक जनवरी को जापान में एक के बाद एक 21 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. जापान भूकंप (Japan Earthquake) के लिहाज से सबसे सेंसिटिव एरिया है. इसकी मुख्य वजह है कि जापान दो टेक्टोनिक प्लेटों (Tectonic Plates) के जंक्शन पर बसा हुआ देश है. इन प्लेटों के टकराने से ही भूकंप आते हैं. सिर्फ जापान ही ऐसा देश नहीं है जो रिंग ऑफ फायर ज़ोन में आता है.

भूकंप से क्या है कनेक्शन?

दुनिया के 90% भूकंप रिंग ऑफ फायर में आते हैं. रिंग ऑफ फायर ऐसा एरिया है जहां कॉन्टिनेंटल प्लेट्स और ओसियनिक टेकटोनिक प्लेट्स आपस में टकराते हैं, जिनके कारण समुद्र में सुनामी और भूकंप आता है. जिस जगह पर धरती के नीचे ये प्लेट्स टकराती है उसी केंद्र को भूकंप का केंद्र कहा जाता है. कई बार ज्वालामुखी (Volcano due to Earthquake) भी इसी कारण से फटता है. रिंग ऑफ फायर (Ring of Fire) 40 हजार किलोमीटर में फैला हुआ है. दुनिया में लगभग 75% भूकंप इसी इलाके में आते हैं. विज्ञान की भाषा में अगर समझा जाए तो धरती के केंद्र और भूकंप के केंद्र को आपस में जोड़ने वाली जो लाइन धरती की सतह को टच करती है, उसको भूकंप का एपिक सेंटर या भूकंप का अभिकेंद्र कहा जाता है.

इंडोनेशिया में आए भूकंप से जब भारत में मची थी तबाही 

2004 में इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप में 9.1 की तीव्रता से भूकंप आया था, जिसका असर ये हुआ कि सात घंटे बाद हिंद महासागर में सुनामी आई. इस सुनामी का असर भारत के कई दक्षिण क्षेत्रों में हुआ. जिस दिन ये आपदा आई वो क्रिसमस की रात थी. लोग क्रिसमस मनाकर चैन की नींद सो रहे थे कि तभी एक झटके में सब कुछ बदल गया. इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते सुनामी की विकराल लहरों ने दक्षिण भारत के कई इलाकों समेत हिंद महासागर (Indian Ocean) किनारे 14 देशों में तबाही मचा दी. कुछ पल में सब कुछ तहस- नहस हो गया. इस आपदा की वजह से भारत के तमिलनाडु में 8000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. अंडमान में 3500, पुडुचेरी में करीब 600, केरल में 177 और आंध्र प्रदेश में करीब 107 लोगों की मौत हुई.

छत्तीसगढ़ के इन इलाकों में भूकंप का ज्यादा खतरा

भूकंप के लिहाज से छत्तीसगढ़ सबसे सेफ जोन में आता है. लेकिन माइनिंग के कारण भूकंप का खतरा लगातार छत्तीसगढ़ में बढ़ता जा रहा है. माइनिंग के कारण राज्य में कोरबा में खतरा बढ़ गया है. इसी तरह सरगुजा (Sarguja Earthquake) में भी भूकंप का खतरा बढ़ गया है. सरगुजा में कोल माइनिंग (Sarguja Coal Mining) बढ़ गई हैं, जिसके कारण भूकंप का खतरा भी बढ़ गया है. इस इलाके में लगातार कोयले का खनन हो रहा है, जिसके कारण जमीन खोखली होती जा रही है.

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