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Rohini Acharya Profile: कौन हैं रोहिणी आचार्य? कैसे पड़ा नाम, पिता को किडनी देकर MBBS बेटी ने दिया नया जीवन, यहां से लड़ सकती हैं चुनाव

Lalu Yadav Family

लालू यादव और राबड़ी देवी के साथ रोहिणी आचार्य और रणधीर सिंह

Rohini Acharya Profile: राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य एक बार फिर से सुर्खियों में बनी हुई हैं. अब उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा है. यह चर्चा एक तस्वीर से शुरू हुई है. जिसमें वह पूर्व बाहुबली सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे रणधीर सिंह के साथ नजर आ रही हैं. सूत्रों का दावा है कि रणधीर महाराजगंज के उम्मीदवार होंगे और रोहिणी सारण सीट से चुनाव लड़ेंगी. इस तस्वीर के जरिए दोनों सीट पर राजपूत यादव समीकरण बिठाकर जीत की तैयारी का संदेश दिया गया है.

इन कयासों के बाद कहा जा रहा है कि पिता लालू यादव को अपनी किडनी देरकर जीवन देने वाली रोहिणी आचार्य अब राजनीतिक के जीवन में एंट्री कर रही हैं. बीते साल सिंगापुर में ऑपरेशन के बाद लालू यादव और उनकी बेटी रोहिणी आचार्य काफी सुर्खियों में रही थीं. तब सोशल मीडिया से लेकर आम जन के बीच हर कोई रोहिणी की तारीफ कर रहा था. उन्होंने अपनी एक किडनी पिता की जिंदगी बचाने के लिए दान कर दी थी.

पूर्व सीएम लालू यादव जन्मदिन पर परिवार के साथ

मीसा के बाद दूसरे नंबर पर रोहिणी

लालू यादव के बेटे और बेटी मिलाकर कुल नौ संतान हैं. रोहिणी आचार्य लालू यादव के नौ बच्चों में दूसरी संतान हैं. भाई बहनों में मीसा भारती सबसे बड़ी हैं और उसके बाद रोहिणी आचार्य दूसरे नंबर पर हैं. रोहिणी के बाद लालू यादव की चार बेटियां और उसके बाद तेज प्रताप और तेजस्वी हैं. जबकि भाई और बहन में सबसे छोटी राजलक्ष्मी हैं.

रोहिणी आचार्य का जन्म पटना में 1979 में हुआ था. लेकिन सवाल यह उठता है कि रोहिणी के नाम में आचार्य कैसे जुड़ा? रोहिणी का नाम पढ़ाई दौरान स्कूल में ही रोहिणी आचार्य रखा गया था. स्कूल की पढ़ाई के बाद में वह बड़ी होकर मेडिकल के क्षेत्र में आगे बढ़ीं. उन्होंने जमशेदपुर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज मेडिकल से अपनी MBBS की पढ़ाई पूरी की थी.

रोहिणी आचार्य और समरेश सिंह

इनसे हुई शादी

पढ़ाई पूरी होने के बाद मई 2002 में उनकी शादी समरेश सिंह से हुई थी. वह सिंगापुर में एक आईटी कंपनी में नौकरी करते हैं. समरेश सिंह ने सिंगापुर से ही एमबीए की पढ़ाई की और फिर वहीं नौकरी कर रहे हैं. समरेश सिंह के पिता रणविजय सिंह और रोहिणी आचार्य के पिता लालू यादव कॉलेज के समय से ही दोस्त थे. रोहिणी और समरेश की शादी होने के बाद दोनों की दोस्ती परिवार के रिश्ते में बदल गई.

इसके अलावा रोहिणी आचार्य अक्सर अपने सोशल मीडिया पोस्ट और राजनीति से जुड़े विषयों पर अपनी टिप्पणी को लेकर चर्चा में बनी रहती हैं. बीते महीने नीतीश कुमार के आरजेडी से अलग होने और एनडीए के साथ जाने पर उनका पोस्ट काफी वायरल हुआ था. तब उन्होंने कहा था, ‘खीज जताए क्या होगा, जब हुआ न कोई अपना योग्य, विधि का विधान कौन टाले, जब खुद की नीयत में ही हो खोट.’

चर्चा में रहे सोशल मीडिया पोस्ट

चर्चा में सोशल मीडिया के पोस्ट

वह अपने भाई तेजस्वी यादव के समर्थन में अक्सर ही राजनीतिक पोस्ट करती रही हैं. वहीं उन्होंने बीते लंबे वक्त से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भी अपने पोस्ट के जरिए करारा प्रहार करती रही हैं. रोहिणी परिवार में भी सबकी प्रिय हैं. इसका उदाहरण मीसा भारती का एक सोशल मीडिया पोस्ट देता है, जो लालू यादव का सिंगापुर में ऑपरेशन होने के बाद किया गया था.

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जबकि इस ऑपरेशन के बाद पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने लिखा, ‘ऑपरेशन के बाद मेरी प्यारी बहन का आत्मविश्वास अलौकिक, अपूर्व और अद्भुत है. मेरी प्यारी बहन रोहिणी आचार्य ने अटूट प्रेम, असीम त्याग, अदम्य साहस, अद्वितीय समर्पण और रिसते रिश्तों के वर्तमान दौर में अकल्पनीय पारिवारिक मूल्यों की जो अनूठी मिसाल कायम की है वह अवर्णनीय और अविस्मरणीय है.’

लेकिन अब सियासी अटकलों पर भरोसा करें तो पिता लालू यादव को किडनी देकर नया जीवन देने वाली एमबीबीएस बेटी रोहिणी की एंट्री उनके राजनीतिक जीवन में होने वाली हैं. संभावना जताई जा रही है कि उन्हें पार्टी सारण सीट से अपना उम्मीदवार बना सकती है. बता दें 1977 में लालू यादव छपरा लोकसभा (अब सारण) से जीतकर पहली बार सांसद बने थे.

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