Bangladesh Protests: बांग्लादेश में इन दिनों अशांति फैली हुई है. पड़ोसी देश हिंसा से त्रस्त है. इस बीच भारत सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि नौकरी कोटा को लेकर विरोध प्रदर्शन के कारण बांग्लादेश में हुई हिंसा उस देश का आंतरिक मामला है, लेकिन भारत जरूरतमंद नागरिकों की मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है.
किसी भारतीय को नहीं पहुंचा नुकसान: विदेश मंत्रालय
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विरोध प्रदर्शन में किसी भारतीय को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है और उच्चायोग भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन में अब तक कम से कम 31 लोगों की जान जा चुकी है.
सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली को लेकर विरोध प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब उच्च न्यायालय ने प्रधानमंत्री शेख हसीना के 2018 के आदेश को पलट दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. हमारे देश में करीब 8,500 छात्र और करीब 15,000 भारतीय निवासी हैं. हमने लोगों को उच्चायोग के संपर्क में रहने और उन्हें किसी भी तरह की सहायता प्रदान करने के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है.”
यह भी पढ़ें: स्वामी प्रसाद मौर्य और उनकी बेटी संघमित्रा मौर्य फरार घोषित, इस मामले में MP-MLA कोर्ट ने की कार्रवाई
विदेश मंत्री एस जयशंकर की स्थिति पर नजर
उन्होंने कहा कि भारत इसे ‘देश का आंतरिक मामला’ मानता है. जायसवाल के अनुसार, विदेश मंत्री एस जयशंकर स्थिति पर नजर रख रहे हैं. उन्होंने कहा, “उच्चायोग वहां की स्थिति पर नियमित अपडेट देगा. हम नियमित अपडेट भी देंगे और हम बांग्लादेश में रहने वाले भारतीय नागरिकों के सभी परिवार के सदस्यों से संपर्क में रहने का आग्रह करते हैं. हम अपने नागरिकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमारे सभी नागरिक सुरक्षित हैं.”
बांग्लादेश में भारतीय दूतावास ने गुरुवार को एक चेतावनी जारी की, जिसमें देश में रहने वाले भारतीय नागरिकों और छात्रों से संयम बरतने और छात्रों के नेतृत्व में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बीच अपनी बाहरी गतिविधियों को सीमित करने का आग्रह किया गया.
हेल्पलाइन नंबर जारी
बता दें कि जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए 24 घंटे की आपातकालीन हेल्पलाइन भी स्थापित की गई. पिछले महीने से ही विरोध प्रदर्शन जारी है. लेकिन जुलाई में प्रदर्शनकारियों और सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों के बीच हिंसक झड़पें भी हुईं. कोटा प्रणाली, जो 1971 के स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों के परिवारों के लिए 30% सरकारी नौकरियों को आरक्षित करती है, को 2018 में समाप्त कर दिया गया था, लेकिन जून में एक अदालत ने इसे फिर से लागू करने का आदेश जारी किया.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शांति और धैर्य की अपील की है. उन्होंने नागरिकों को आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को कानूनी माध्यमों से सुलझाया जा रहा है.