Election Commissioner: अरुण गोयल के चुनाव आयुक्त पद से इस्तीफा देना और अनूप चंद्र पांडे के रिटायर्मेंट के चलते चुनाव के 2 पद खाली पड़े थे. अब इन पदों की कमान ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू को सौंपी जा सकती है. चुनाव आयुक्त के चयन के लिए चयन समिति की बैठक में शामिल कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “इस समिति में सरकार के पास बहुमत है…केरल से ज्ञानेश कुमार और पंजाब से सुखबीर सिंह संधू को चुनाव आयुक्त के रूप में चुना गया है.” लेकिन चयन प्रक्रिया से मैं सहमत नहीं हूं. पैन में भारत के मुख्य न्यायाधिश को भी शामिल किया जाना चाहिए.
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर आज फैसला हो गया है. पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज 7 लोक कल्याण मार्ग में बैठक हुई जिसमें दोनों नामों पर सहमति बन गई है. बैठक में शामिल लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने नियुक्ति पर नाराजगी जताई है.
उत्तराखंड सरकार में मुख्य सचिव रह चुके हैं सुखबीर सिंह
मूल रूप से पंजाब के रहने वाले सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड के चीफ सेक्रेटरी और NHAI के चेयरमैन रह चुके हैं. गौरतलब है कि संधू पिछले साल 30 सितंबर को उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे. वहीं, ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के IAS अधिकारी हैं और वह गृह मंत्रालय में काम कर चुके हैं. धारा 370 पर फैसले के वक्त भी ज्ञानेश गृह मंत्रालय में अपनी सेवा दे रहे थे. सहकारिता मंत्रालय में सचिव पद से रिटायर हुए हैं. हालांकि, अभी आधिकारिक तौर पर चुनाव आयुक्त की नियुक्तियों का आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की मंजूरी के बाद इनकी नियुक्ति की जाएगी.
अरुण गोयल ने अचानक दे दिया इस्तीफा
नियम के मुताबिक चुनाव आयोग में एक मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) के अलावा दो चुनाव आयुक्त होते हैं. एक चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी में सेवानिवृत हो गए थे. दूसरे अरुण गोयल ने 8 मार्च की सुबह अचानक इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 9 मार्च को स्वीकार कर लिया. तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में CEC राजीव कुमार ही अकेले बचे थे.