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‘हम एक और रेप होने का इंतजार नहीं कर सकते’, कोलकाता कांड पर SC की सख्त टिप्पणी, CJI ने टास्क फोर्स गठन के दिए आदेश

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई दुष्कर्म के मामले पर सुप्रीम में आज सुनवाई हो रही है. इस मामले पर कोर्ट ने स्वत: संज्ञान ली है. सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल सरकार और पुलिस से कई सख्त सवाल पूछे. कोर्ट ने पूछा कि पुलिस ने क्राइन सीन को प्रोटेक्ट क्यों नहीं किया. एफआईआर दर्ज करने में देरी क्यों हुई. कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ एक मर्डर का मामला नहीं है. कोर्ट ने डॉक्टरों की सुरक्षा की चिंता भी जताई है. वहीं, सोशल मीडिया पर पीड़िता की पहचान उजागर करने पर कोर्ट ने चिंता भी जाहिर की है.

सीजेआई ने पूछा कि क्या यह सच है कि पीड़ित परिवार को बॉडी नहीं देखने दिया गया. इस पर पश्चिम बंगाल सरकार के वकील ने कहा कि ऐसे आरोप सही है. कोर्ट ने इस घटना पर राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई सख्त सवाल पूछे हैं. कोर्ट ने पूछा कि पीड़िता की पहचान उजागर कैसे हुई? जब 7 हजार लोग अस्पताल में घुसे तब पुलिस वहां क्या कर रही थी. हम सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट चाहते हैं. हम एक नेशनल टास्क फोर्स बनाने जा रहे हैं.

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“ये मामला स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से जुड़ा है”

चीफ जस्टिस ने कहा कि कोलकाता रेप-मर्डर केस मामला गंभीर है, क्योंकि ये स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा से भी जुड़ा है. उन्होंने कहा कि महिला डॉक्टर के साथ हुए अपराध का पता चलने पर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष ने उसे आत्महत्या बताया. एफआईआर भी देर से की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या FIR में पीड़िता के मर्डर की बात कही गई थी. सबसे बड़ा सवाल ये है कि जब ये घटना हुई तो प्रिंसिपल कहां थे, वह क्या कर रहे थे. एफआईआर शाम में दर्ज करवाई गई और इसे आत्महत्या कहा गया. हालांकि, राज्य सरकार के वकील कपिल सिब्बल ने इससे इनकार किया.

मेडिकल कॉलेज में 14 अगस्त को हुई तोड़फोड़ को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब ये घटना हो रही थी, तब पुलिस क्या कर रही थी? पुलिस का काम क्राइम सीन की रक्षा करना है. डॉ संदीप घोष को दूसरी जगह नौकरी देने का मुद्दा भी उठा. अदालत ने मामले की जांच कर रही सीबीआई से स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है.

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