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Kolkata Rape-Murder Case: “72 घंटों के भीतर माफ़ी मांगें, नहीं तो…”, SCBA के पूर्व अध्यक्ष ने कपिल सिब्बल को दी चेतावनी

Kapil Sibal

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Kolkata Rape-Murder Case: सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) के पूर्व अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने मौजूदा अध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को पत्र लिखकर उनके खिलाफ ‘अविश्वास प्रस्ताव’ लाने की चेतावनी दी है. आदिश अग्रवाल ने सिब्बल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. अपने पत्र में अग्रवाल ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुए दुखद बलात्कार और हत्या से संबंधित प्रस्ताव पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. अग्रवाल ने कहा कि इस प्रस्ताव को SCBA की कार्यकारी समिति द्वारा आधिकारिक रूप से अनुमोदित नहीं किया गया था.

आदिश ने पत्र में क्या कहा?

आदिश अग्रवाल ने सिब्बल पर घटना की गंभीरता को कम करने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. आदिश ने कहा, “आप माननीय सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष संबंधित मामलों में पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं. एक वकील के रूप में आपको मामलों को स्वीकार करने और उन पर बहस करने का पूरा अधिकार है. हालांकि, 21 अगस्त 2024 को आपने अपने हस्ताक्षर से एससीबीए का एक कथित प्रस्ताव प्रसारित किया, जिसमें आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना को ‘लक्षणात्मक अस्वस्थता’ बताया गया और कहा गया कि ‘संकल्प’ में उम्मीद जताई गई है कि देश भर में हुई ऐसी घटनाएं दोबारा नहीं होंगी.”

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आदिश ने कहा, “एससीबीए के लेटरहेड पर छपे और आपके द्वारा हस्ताक्षरित ‘एससीबीए प्रस्ताव’ के बारे में बयान शरारती, खतरनाक, असंवेदनशील और बलात्कार-हत्या पीड़िता और लाखों डॉक्टरों, प्रशिक्षुओं और छात्रों के साथ घोर अन्याय है, जो अभी भी सुरक्षित कार्य वातावरण की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.” पत्र में मांग की गई है कि सिब्बल प्रस्ताव वापस लें और 72 घंटों के भीतर सार्वजनिक रूप से माफ़ी मांगें. ऐसा न करने पर सिब्बल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है.

कई सदस्यों ने व्यक्त की चिंता

एससीबीए की कार्यकारी समिति के कई सदस्यों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की घटना के संबंध में एससीबीए अध्यक्ष कपिल सिब्बल द्वारा जारी किए गए प्रस्ताव पर भी चिंता व्यक्त की है. उनका आरोप है कि 21 अगस्त, 2024 की तारीख वाले इस प्रस्ताव पर सिब्बल ने हस्ताक्षर किए थे और कार्यकारी समिति के समक्ष प्रस्तुत या अनुमोदित किए बिना एससीबीए लेटरहेड पर प्रसारित किया गया था.

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