Maratha Reservation Bill: महाराष्ट्र विधानसभा ने मंगलवार को मराठा आरक्षण विधेयक को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अब समुदाय को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की बिल को सर्वसम्मति से और पूर्ण बहुमत से पारित करने की अपील की. इसके बाद विपक्षी नेता भी राजी हो गए. अब यह बिल विधान परिषद में रखा जाएगा, जिससे पास होने और फिर राज्यपाल की मुहर के बाद महाराष्ट्र के मराठा समुदाय की लंबे वक्त से चली आ रही मांग पूरी हो जाएगी.
लोकसभा चुनाव के लिए लाया गया है बिल: विजय वडेट्टीवार
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण विधेयक पारित होने पर महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, “हमें पता था कि हमारी आवाज़ दबाई जाएगी इसलिए हमने उन्हें पहले ही एक पत्र दिया था. उन्होंने हमारे पत्र का जवाब नहीं दिया और यह जो 10% आरक्षण का प्रावधान किया गया है वह कानून के तौर पर टिकने वाला नहीं है. आगामी लोकसभा चुनाव के लिए यह बिल लाया गया है…यह बिल किसी भी तरह से किसी को मान्य नहीं होने वाला.”
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17 फरवरी को मराठा आरक्षण कार्यकर्ता को सीएम ने दिया था आश्वासन
17 फरवरी को शिंदे और फड़नवीस ने मराठा-आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे-पाटिल को आश्वासन दिया था कि समुदाय को आरक्षण देने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए 20 फरवरी को विधानसभा का एक विशेष सत्र होगा. यह घोषणा मराठा आरक्षण के मुद्दे पर जारांगे-पाटिल का अनिश्चितकालीन अनशन 7वें दिन हुआ.
हालांकि, उन्होंने विधेयक के पारित होने को “मराठा समुदाय के साथ विश्वासघात” बताया. एएनआई ने कार्यकर्त के हवाले से कहा, “सरकार का यह फैसला चुनाव और वोटों को ध्यान में रखकर लिया गया है. यह मराठा समुदाय के साथ धोखा है.”