Maharashtra News: वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने सोमवार को अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि मराठा राजा छत्रपति शिवाजी महाराज ने वास्तव में सूरत को लूटा था. राणे ने कहा, “मैं इतिहासकार नहीं हूं, लेकिन मैंने इतिहासकार बाबासाहेब पुरंदरे से जो पढ़ा, सुना और सीखा है, उसके अनुसार ‘शिवाजी महाराज नी सूरत ला लूट केली’ यानी शिवाजी महाराज ने सूरत को लूटा.”
रविवार को फडणवीस ने कहा था, “छत्रपति शिवाजी महाराज ने कभी सूरत को नहीं लूटा.” इसके बाद उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर अपनी पुस्तक द डिस्कवरी ऑफ इंडिया में मराठा राजा को गलत तरीके से पेश करने का आरोप लगाया. फडणवीस के अनुसार, शिवाजी को लुटेरे के रूप में नेहरू द्वारा चित्रित करना ऐतिहासिक रूप से गलत था और स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने जानबूझकर शिवाजी की विरासत को विकृत करने के लिए इस संस्करण को पढ़ाया. फडणवीस के अनुसार, शिवाजी के कार्य स्वराज्य की खोज से प्रेरित थे और उनका उद्देश्य राष्ट्र की भलाई के लिए धन वापस प्राप्त करना था.
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सिंधुदुर्ग जिले के मालवन में उनकी मूर्ति के ढहने के बाद महाराष्ट्र में शिवाजी की विरासत पर बहस तेज हो गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. राणे ने विपक्ष पर आगामी चुनावों को ध्यान में रखते हुए मूर्ति घटना का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया और इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया. राणे ने आरोप लगाया कि विपक्ष अशांति पैदा करने के लिए स्थिति का फायदा उठा रहा है. राणे ने शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे की हाल की टिप्पणियों पर भी नाराजगी जताई, जिसमें ठाकरे ने सुझाव दिया था कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को देश छोड़ देना चाहिए.