Shivraj Singh Chauhan: मोदी कैबिनेट 3.0 में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली है. करीब 20 साल तक वह मुख्यमंत्री पद पर रहे हैं, लेकिन अभी भी वह पीछले पद को ठीक भुला नहीं पाए हैं. नई दिल्ली में आईसीएमआर (ICMR) के कार्यक्रम के दौरान उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री कहकर संबोधित कर दिया. लेकिन इसके तुरंत बाद रूककर हंसने लगे.
हंसते हुए शिवराज ने कहा कि 20 साल तक मुख्यमंत्री के पद पर रहा हूं. इसलिए इस आदत को सुधारने में थोड़ा समय लगेगा. इस दौरान हॉल में मौजूद अधिकारी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए और ठहाके मारकर जोर-जोर से हंसने लगे. वहीं संबोधन के अंत में शिवराज खुद हंस पड़े और कहा कि मैं खुद को बार-बार मुख्यमंत्री बोल रहा हूं, आदत धीरे-धीरे जाएगी.
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“चार बार का सीएम रहा हूं”
कार्यक्रम के दौरान शिवराज चौहान ने कहा, ”मैं सूची बनवा रहा था कि और किस किस से मिलूं? आप सबसे बात करना चाहता हूं. क्योंकि मुख्यमंत्री को हर विषय़ की जानकारी नहीं होती.” इतना बोलते ही शिवराज को समझ आया कि वो अब कृषि मंत्री हैं. फिर उन्होंने आगे कहा, ”मुख्यमंत्री नहीं कृषि मंत्री. चार बार का सीएम रहा हूं. बीस-इक्कीस साल रहा हूं तो कुछ दिन तो लगेंगे भूलने में. वहां भी मुझे गुमान नहीं था कि हम ही सबकुछ जानते हैं.”
Shivraj Singh Chauhan : I have been CM for so long, so it will take a few days to forget😂
⚡️Mama Ji humble as always.
pic.twitter.com/ju2SUyp1aN— Political Views (@PoliticalViewsO) June 22, 2024
कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान ने कहा, ”हमें कृषि को आगे ले जाना है और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है. प्रधानमंत्री का विजन ही हमारा मिशन है. जिस दिन से मैं कृषि मंत्री बना हूं, दिन-रात यही सोचते रहते हैं कि इसे बेहतर कैसे किया जाए.” शिवराज ने कहा कि हम मिलकर कोई ऐसा रोड मैप बना लें, जिसपर चलकर न केवल भारतीय कृषि और किसान का कल्याण हो सके बल्कि हम भारत को दुनिया का फूड बास्केट बना दें. दुनिया को अन्न खिलाए और एक्सपोर्ट करें.
“मैं किसान और विज्ञान को जोड़ता हूं”
किसानों के हित की बात करते हुए शिवराज ने कहा, “हमारे यहां 86 प्रतिशत किसान स्मॉल मार्जिनल किसान हैं. हमको खेती का मॉडल ऐसा बनाना पड़ेगा कि किसान एक हेक्टेयर तक की खेती में अपनी आजीविका ठीक से चला सकें. कृषि के परिदृश्य को पूरी तरह से बदलना मेरी जिद है. मैं किसान और विज्ञान को जोड़ना चाहता हूं.”