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‘सोशल मीडिया बहुत बड़ी ताकत है…’ पॉडकास्ट में PM Modi ने बताया इससे राजनीति में क्या बदलाव आए?

PM Modi

पीएम मोदी

PM Modi Podcast: निखिल कामथ ने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ पॉडकास्ट एपिसोड रिलीज कर दिया है. निखिल ने 8 जनवरी को इस एपिसोड का एक टीजर रिलीज किया, तभी से सोशल मीडिया पर ये चर्चा का विषय बन गया. इस पॉडकास्ट में पीएम मोदी के बचपन से लेकर राजनीतिक करियर की बातचीत हुई. निखिल ने पीएम से सवाल किया, “आप सोशल मीडिया के पहले सीएम थे और इसके बाद पीएम बने, इसके आने से क्या बदला है.”

इस पर पीएम मोदी ने कहा, “मुझसे अक्सर बच्चे सवाल पूछते हैं कि आपको इतनी गालियां पड़ती हैं तो आपको कैसा लगता है? मैं उन लोगों को एक चुटकुला सुनाता हूं. मैं अहमदाबादी हूं, हमारे अहमदाबादी लोगों की एक अलग पहचान है. एक अहमदाबादी एक स्कूटर से जा रहा था. उसकी किसी से टक्कर हो गई तो सामने वाला गालियां देने लगा. लेकिन अहमदाबादी अपना स्कूटर लेकर ऐसे ही खड़ा रहा. इतनें किसी ने पूछा कि यह गालियां दे रहा है और तुम ऐसे ही खड़े हो. अहमदाबादी ने कहा कि अरे भाई वो कुछ दे ही तो रहा है ले तो नहीं रहा है.”

आपके दिल में पाप नहीं होना चाहिए

उन्होंने आगे कहा, “मैंने भी ऐसे ही मन बना लिया है कि गालियां दे रहे हैं तो देने दो. उनके पास जो है वो दे रहे हैं, मेरे पास जो होगा मैं दूंगा. लेकिन आप सत्य के धरातल पर होना चाहिए. आपके दिल में पाप नहीं होना चाहिए. एक दफ्तर में या बड़े परिवार में यह सब नहीं होता क्या? इसलिए उसके आधार पर हमें मोटी चमड़ी का नहीं होना चाहिए, बल्कि संवेदनशील होना चाहिए. संवेदनशीलता के बिना आप लोगों का भला नहीं कर सकते.”

सोशल मीडिया बहुत बड़ी ताकत है

पीएम मोदी ने कहा, “मैं मानता हूं कि लोकतंत्र में सोशल मीडिया बहुत बड़ी ताकत है. पहले गिने-चुने लोग आपको परोसते थे और आप उसी को सत्य मानते थे. आप फंसे हुए थे, आपके पास इसे वेरिफाई करने के लिए कोई साधन नहीं था. लेकिन आज आप मोबाइल फोन से वेरिफाई कर सकते हैं. थोड़ा ध्यान देकर आज आप खुद सत्य के पास पहुंच सकते हैं. सोशल मीडिया के जरिए लोकतंत्र को ताकत देने का काम हो सकता है.”

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सत्य खोजने के लिए बहुत से रास्ते खुले हैं

उन्होंने कहा, “पहले जब मैं संगठन का काम करता था तब भी बिना किसी कारण के जनसंघ के लोगों को गालियां पड़ती थीं. पहले प्रिंट मीडिया था उसकी उतनी ताकत थी. आज आपके पास सत्य खोजने के लिए बहुत से रास्ते खुले हैं. आज का युवा इसके बारे में रुचि लेता है. जब मैं राजनीति में आया तो बड़े नेताओं को गालियां पड़ती थीं. लेकिन मुझे समझ नहीं आता था कि ऐसा क्यों करते हैं. धीरे-धीरे समझ आया कि आपको इसमें जीना है.”

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