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Stock Market Crash: मिनटों में निवेशकों के 7 लाख करोड़ स्वाहा, नहीं थम रहा शेयर बाजार में आया तूफान

Stock Market Crash

प्रतीकात्मक तस्वीर

Stock Market Crash: हफ्ते के आखिरी दिन भी शेयर बाजार में हाहाकार मचा रहा. आखिरी दिन मार्केट खुलते ही सेंसेक्स लुढ़कने लगा और 1000 तक जा गिरा. सेंसेक्स 1032 अंक गिरकर 73,580.38 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं Nifty50 भी 273 अंक यानी 1.21% की गिरावट के साथ 22,271 के स्तर पर जा पहुंचा.

इस गिरावट से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 7.16 लाख करोड़ रुपये घटकर 385.94 लाख करोड़ रुपये रह गया है. लगातार पांचवें महीने शेयर मार्केट में गिरावट बनी हुई है और 1996 के बाद यह पहला मौका है जब पांच महीने तक लगातार शेयर मार्केट में गिरावट देखी गई है.

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5 महीनों से जारी है बाजार में गिरावट

अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारतीय शेयर बाजार और भी खस्ताहाल हुआ है. निवेशकों के कई लाख करोड़ अब तक मार्केट में स्वाहा हो चुके हैं. वहीं विदेशी निवेशकों की तरफ से बिकवाली ने मार्केट की कमर तोड़ दी है. हालांकि, घरेलू निवेशकों की वजह से मार्केट बड़ी गिरावट से बचा हुआ है, फिर भी लगातार 5 महीनों से जारी गिरावट ने निवेशकों को चिंतित जरूर किया है.

डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को ऐलान किया कि कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25% शुल्क 4 अप्रैल के बजाय 4 मार्च से लागू होगा। साथ ही उन्होंने चीनी सामानों पर 10% शुल्क लगाया और यूरोपीय संघ से शिपमेंट पर 25% टैरिफ के अपने वादे को एक बार फिर दोहराया. ट्रंप के इस ऐलान का असर भी मार्केट पर पड़ा है.

Nvidia के शेयर टूटने का भारत में भी दिखा असर

अमेरिका के बाजार में चिप बनाने वाली कंपनी Nvidia के शेयरों में गिरावट का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा. शुक्रवार को कारोबार की शुरूआत के साथ ही Nifty IT इंडेक्स के शेयर 4% तक गिर गए. सबसे ज्यादा गिरावट Persistent Systems, Tech Mahindra और Mphasis के शेयरों में देखने को मिली है.

IT कंपनियों के लिए दिन शुक्रवार का दिन अच्छा नहीं रहा. Nifty ऑटो इंडेक्स भी 2% से ज्यादा नीचे के स्तर पर खुला, जबकि बैंकिंग से लेकर मेटल और फार्मा तक में 1 से 2% की शुरुआती गिरावट देखी गई. वहीं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस सेक्टर के इंडेक्स भी 1-2% तक गिरावट दर्ज की गई. शेयर बाजार पूरा लाल हुआ पड़ा है और निवेशकों को इस बात की चिंता खाए जा रही है कि आखिर ये तूफान कब थमेगा.

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