Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 136A को लागू करने का निर्देश जारी किया है. यह धारा तेज गति से चलने वाले वाहनों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की सुविधा प्रदान करती है.
अगर आप भी तेज रफ्तार वाहन चलाते हैं तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि आने वाले समय देश में ऐसा करने पर आपके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को निर्देश दिया है कि वो तेज रफ्तार वाहनों की निगरानी के लिए प्रावधान लागू करें. कोर्ट के इस निर्देश का मकसद हाइवे और सड़कों पर गाड़ी चलाए जाने के दौरान नियम का पालन सुनिश्चित करना है.
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नियमों से अवगत कराने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सोमवार को अहम सुनवाई के दौरान देश की राजधानी दिल्ली, कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और तमिलनाडु को मोटर व्हीकल एक्ट 136ए और नियम 167ए के अनुपालन के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराने का निर्देश दिया है.
इसमें कहा गया है कि राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश चालान जारी करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्रवर्तन उपकरणों के उपयोग के बारे में निर्णय लेने के बाद यह सुनिश्चित करेंगे कि मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए जुर्माना इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के फुटेज के आधार पर लगाया जाए.
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दस लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर शामिल
राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर उच्च जोखिम और घनी आबादी वाले क्षेत्रों और महत्वपूर्ण चौराहों पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लगाए जाएं. इसमें कम से कम दस लाख से अधिक आबादी वाले प्रमुख शहरों को भी शामिल किया जाए. अगर सभी राज्यों ने उचित और सख्त कदम उठाए तो तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लग सकती है.