वक्फ कानून पर SC ने केंद्र से 7 दिनों में मांगा जवाब, कहा- वक्फ बाय यूजर नहीं होगी डिनोटिफाई
प्रतीकात्मक तस्वीर
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में वक्फ कानून को लेकर लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई. गुरुवार, 17 अप्रैल को दूसरे दिन सुनवाई 2 बजे से शुरू हुई. इस दौरान सीजेआई की तीन जजों की बेंच ने दोनों तरफ की दलीलें सुनी. इसके बाद CJI ने सरकार को 7 दिनों का वक्त देते हुए जवाब मांगा है. CJI ने कहा कि केंद्र का जवाब आने तक वक्फ संपत्ति की स्थिति नहीं बदलेगी.
केंद्र ने SC के सामने रखी मांग
आज सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 के कुछ प्रमुख प्रावधानों पर फिलहाल कार्रवाई नहीं करने की मांग की. जिसमें केंद्रीय वक्फ परिषद और वक्फ बोर्डों में गैर-मुस्लिमों को शामिल करना और अदालतों द्वारा वक्फ घोषित संपत्तियों को गैर-अधिसूचित करने के प्रावधान शामिल हैं.
SC ने वक्फ बोर्ड की नियुक्ति पर लगाई रोक
केंद्र की मांग पर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति पीवी संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की तीन जजों की बेंच ने इस संबंध में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा दिए गए आश्वासन को दर्ज किया. सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं और इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल वक्फ बोर्ड और काउंसिल में कोई नियुक्ति न हो. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार अभी नियुक्ति नहीं करने वाली है.
SC ने कहा कि अगली सुनवाई तक बोर्ड या काउंसिल की नियुक्ति नहीं हो सकती. अगर 1995 के अधिनियम के तहत पंजीकरण हुआ है तो उन संपत्तियों को नुकसान नहीं पहुंचाया जा सकता. हम कह रहे हैं कि कार्यपालिका निर्णय लेती है और न्यायपालिका निर्णय लेती है. इसके साथ ही CJI ने कुछ खास लोगों को 2013 के कानून को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब दाखिल करने की इजाजत दी है. यह एक विशेष मामला है.
CJI ने कहा- ‘याचिकाकर्ताओं को जवाब दाखिल करने की अनुमति है.’ केंद्र सरकार, राज्य सरकारें और वक्फ बोर्ड भी 7 दिनों के अंदर अपना जवाब दाखिल कर सकते हैं. सभी को जल्द से जल्द जवाब देना होगा.
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5 मई को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के जवाब के बाद याचिकाकर्ता सिर्फ 5 याचिकाएं ही दें. अंतरिम प्रार्थना पर निर्णय लेने के लिए मामले की सुनवाई 5 मई को फिर से होगी.