Tamil Nadu Hooch Tragedy: तमिलनाडु के कल्लाकुरिची में जहरीली शराब कांड को लेकर मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को राज्य सरकार को फटकार लगाई है. दरअसल, बीते दिन जहरीली शराब पीने से 53 लोगों की मौत हो चुकी है. तीखी टिप्पणियों में कोर्ट ने पिछले साल तमिलनाडू के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में इसी तरह की घटनाओं का हवाला दिया और यह जानने की मांग की कि राज्य में ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों हो रही हैं.
न्यायमूर्ति डी कृष्णकुमार और न्यायमूर्ति के कुमारेश बाबू की खंडपीठ अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के कानूनी विंग के सचिव आईएस इनबादुरई द्वारा दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई कर रही थी. अपनी याचिका में उन्होंने कल्लाकुरिची जहरीली शराब कांड की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की है. जिसमें जहरीली शराब पीने के बाद 150 से अधिक लोग बीमार पड़ गए थे
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अब तक 53 लोगों की मौत, 20 की हालत गंभीर
ताजा अपडेट के मुताबिक, इस घटना में मरने वालों की संख्या अब 53 हो गई है, जबकि कई लोग अभी भी राज्य के अस्पतालों में भर्ती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल में भर्ती पीड़ितों में कम से कम 20 की हालत गंभीर बताई जा रही है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि इलाके में जहरीली शराब की बिक्री की रिपोर्ट पर राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की. वहीं कोर्ट ने राज्य सरकार को 26 जून तक विस्तृत कार्रवाई रिपोर्ट और जवाबी हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया गया है.
AIADMK विधायक सेंथिलकुमार का नाम
ये निर्देश तब आए जब याचिकाकर्ता ने दावा किया कि एआईएडीएमके कल्लाकुरिची विधायक एम सेंथिलकुमार ने क्षेत्र में जहरीली शराब की बिक्री को बार-बार हरी झंडी दिखाई थी, यहां तक कि 29 मार्च, 2023 को राज्य विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पेश किया था. सुनवाई के दौरान अपनी टिप्पणी में न्यायमूर्ति के कुमारेश बाबू ने यूट्यूब पर कल्लाकुरिची में जहरीली शराब की बिक्री पर कुछ रिपोर्टों का भी उल्लेख किया.
उन्होंन कहा कि अगर हमें सही से याद है, तो घटना से पहले भी कल्लाकुरिची में अवैध शराब की बिक्री के बारे में एक समाचार रिपोर्ट आई थी. मैं यूट्यूबर्स के साथ साक्षात्कार में विश्वास नहीं करता… लेकिन एक विशेष यूट्यूबर ने कल्वारायन हिल्स, कल्लाकुरिची में अवैध शराब की बिक्री के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ विशेष रूप से आरोप लगाए.
पहले भी 22 लोगों की हुई थी मौत
राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता पीएस रमन ने अदालत को बताया कि चेंगलपट्टू और विल्लुपुरम में जहरीली शराब से हुई मौतों की जांच, जिसमें पिछले साल 22 लोगों की जान चली गई थी, को अपराध शाखा-आपराधिक जांच विभाग (सीबी-सीआईडी) को स्थानांतरित कर दिया गया था. तमिलनाडु के गुंडा अधिनियम के तहत कई लोगों को गिरफ्तारी किया गया है और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा कि इसमें शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई.
घटना के बाद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
रमन ने अदालत को यह भी बताया कि कल्लाकुरिची में हुई जरहीली शराब कांड के बाद, जिला मजिस्ट्रेट, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक और प्रवर्तन ब्यूरो सीआईडी में पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया गया था, जबकि जिला एसपी को निलंबित कर दिया गया था. उन्होंने कहा कि सरकार ने कल्लाकुरिची घटना की जांच करने और निवारक उपायों की सिफारिश करने के लिए सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बी गोकुलदास के तहत एक सदस्यीय आयोग नियुक्त किया था. इस पर, अदालत ने टिप्पणी की: “अधिकारियों का स्थानांतरण करना सही है, लेकिन जानमाल के नुकसान का जवाब कौन देगा? जहरीली शराब पीकर मरने वालों में से अधिकांश अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले हैं.”