Tax on Temple: कर्नाटक में एक करोड़ रुपए से अधिक कमाई करने वाले मंदिरों से सरकार ने टैक्स वसूलने के फैसला किया है. सरकार ने इस मंदिरों पर दस फीसदी टैक्स लगाने के फैसला किया है. सरकार के इस फैसले के बाद जिस मंदिर की इनकम 10 साल से लेकर एक करोड़ तक होगी, उन मंदिरों से पांच फीसदी टैक्स वसूला जाएगा. राज्य की सिद्धारमैया सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने जबरदस्त विरोध शुरू कर दिया है. बीजेपी ने सरकार के इस फैसले को एंटी हिंदू करार दिया है.
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, “कर्नाटक में मंदिरों पर टैक्स, उससे पहले भी इस प्रकार की कई बाते आई हैं. जो कर्नाटक और बंगाल में हो रहा है इसे एक लाइन में समझे तो ‘सनातन धर्म का उन्मूलन’ एक बयान नहीं है, ये एक अभियान है जिसकी झलक तमिलनाडु कर्नाटक से लेकर बंगाल तक समय समय पर दिखाई देता है.”
सुधांशु त्रिवेदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, ‘मंदिर को अगर दान-चढ़ावे में ₹ 1 करोड़ मिलेगा तो कर्नाटक की कांग्रेस को सरकार को देना होगा ₹10 लाख. ये कैसा क़ानून लेकर आई कांग्रेस सरकार? कांग्रेस के पक्ष में खड़े हिंदुओं की कब नींद खुलेगी?’
कितना देना होगा टैक्स
दरअसल, कर्नाटक सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयक के अनुसार अब राज्य में जिन मंदिरों को चंदे के तौर पर एक करोड़ से ज्यादा मिलता है तो उन मंदिरों को 10 फीसदी टैक्स देने होगा. जबकि अगर मंदिर को चंदे के तौर पर एक करोड़ से कम और दस लाख से ज्यादा मिलता है तो उन्हें पांच फीसदी देना होगा.
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए विजयेंद्र येदियुरप्पा ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार राज्य में हिंदू विरोधी नीतियों को बढ़ाते हुए मंदिरों के राजस्व पर टेढ़ी नजर डाल रही है. कांग्रेस अपना खजाना भरने के लिए हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती विधेयक लेकर आई है.’