PETA India: तेलंगाना के करीमनगर जिले में एक व्यक्ति के खिलाफ वन विभाग ने कड़ी कार्रवाई की है. उस पर आरोप है कि उसने दो साल तक एक हनुमान लंगूर (ग्रे लंगूर) को पिंजड़े में कैद करके रखा था. PETA (पीपल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स) इंडिया की शिकायत के बाद वन विभाग ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
लंगूर का रेस्क्यू
करीमनगर वन विभाग ने लंगूर को रेस्क्यू करने के लिए एक ऑपरेशन चलाया और इसे सुरक्षित रूप से जंगल में छोड़ दिया. रेस्क्यू के बाद, लंगूर का हेल्थ चेकअप भी किया गया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है. वन विभाग की इस तत्परता की सराहना की जा रही है, खासकर वन रेंज अधिकारी शौकत हुसैन के प्रयासों को ध्यान में रखते हुए, जिन्होंने तत्काल कार्रवाई की और लंगूर को बचाया.
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध
यह मामला वाइल्ड लाइफ (प्रोटेक्शन) एक्ट, 1972 के तहत दर्ज किया गया है. इस अधिनियम के अनुसार, हनुमान लंगूर जैसे जंगली जानवरों को पिंजड़े में रखना, पालतू बनाना या प्रदर्शन के लिए मजबूर करना अवैध है. लंगूर को इस अधिनियम के तहत अनुसूची 2 में रखा गया है, और इस प्रकार के अपराध के लिए तीन साल तक की सजा, एक लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों का प्रावधान है. 1998 में केंद्रीय सरकार द्वारा जारी की गई एक अधिसूचना ने बंदरों और अन्य जंगली जानवरों को प्रदर्शन के लिए प्रशिक्षित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की गई है.
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PETA इंडिया की भूमिका
PETA इंडिया ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो जानवरों के अधिकारों और उनकी रक्षा के लिए लंबे समय से संघर्षरत है. PETA इंडिया की क्रुएलिटी रेस्पॉन्स कॉर्डिनेटर, सिंचना सुब्रमण्यम ने कहा, “हम करीमनगर वन विभाग, विशेष रूप से वन रेंज अधिकारी शौकत हुसैन के आभारी हैं, जिन्होंने तुरंत प्रभाव से लंगूर को बचाया और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया.” PETA इंडिया ने भारत में जानवरों के प्रति क्रूरता को रोकने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें ब्यूटी प्रोडक्ट्स पर जानवरों पर परीक्षण पर बैन लगवाना भी शामिल है.