Waqf Amendment Bill: शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन गुरुवार को लोकसभा ने वक्फ संशोधन विधेयक-2024 पर गठित संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के कार्यकाल को आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी है. यह अगले साल बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ाया गया है. JPC के अध्यक्ष जगदम्बिका पाल ने इस बिल से संबंधी संसद की संयुक्त समिति का प्रतिवेदन पेश करने का समय बजट सत्र, 2025 के आखिरी दिन तक बढ़ाने का प्रस्ताव गुरुवार को सदन में पेश किया. इस पेशकश को ध्वनिमत से स्वीकृति दी गई है.
बता दें, बुधवार, 27 नवंबर को जगदम्बिका पाल के नेतृत्व में JPC की बैठक हुई थी. इस बैठक में समिति के सदस्यों ने इस बारे में एक प्रस्ताव पर सर्वसम्मति जाहिर की थी. बैठक में एक प्रस्ताव के जरिए फैसला लिया गया कि समिति लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध करेगी कि उसका कार्यकाल अगले साल बजट सत्र के आखिरी दिन तक के लिए बढ़ा दिया जाए.
लोकसभा में एक तरफ जहां विपक्षी दलों का हंगामा चल रहा था वहीं वक्फ बिल पर बनी JPC का कार्यकाल बढ़ाने से संबंधित प्रस्ताव पारित होने के बाद अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के व्यवहार की निंदा की.
विपक्ष के व्यवहार की निंदा
किरेन रिजिजू ने कहा- ‘सारे विपक्ष के नेता और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी के सदस्यों ने जो बिल आने वाले हैं, उनके लिए समय निर्धारित किया था. हमने यह आग्रह भी किया था कि जो बिल आने हैं उन पर चर्चा के लिए उचित समय दिया जाए. जो अलग-अलग मुद्दे आने वाले हैं, उन पर भी चर्चा के लिए अलग रूल बने हुए हैं. यहां कांग्रेस पार्टी और उसके साथियों ने हंगामा करके अपने ही बनाए रूल को तोड़ने का जो काम किया है, इसकी निंदा करता हूं.’
8 अगस्त को संसद में हुआ था हंगामा
8 अगस्त को लोकसभा में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने वक्फ बोर्ड को कंट्रोल करने वाले कानून में संशोधन से संबंधित इस बिल को पेश किया था. वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 बिल के अलावा इससे जुड़े पुराने हो चुके अधिनियम को भी कागजों से हटाने के लिए मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 भी पेश किया गया था. इस बिल को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी. देश में भी यह चर्चा का विषय बन गया था. इसके बाद 9 अगस्त को इस बिल को आगे की चर्चा के लिए संसद की संयुक्त संसदीय समिति को भेज दिया गया था.
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इस विधेयक में वर्तमान अधिनियम में दूरगामी बदलावों का प्रस्ताव रखा गया है, जिनमें वक्फ निकायों में मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुसलमानों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना भी शामिल है.