Holi Celebration: देशभर में आज धूमधाम के साथ रंगो का त्योहार मनाया जा रहा है. बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश देता होली का त्योहार परायों को भी अपना बना देता है. बूढ़े, बच्चे सभी होली का जश्न मना रहे हैं. हालांकि आज होली और रमजान में जुमे को देखते हुए यूपी सहित देशभर में अलर्ट भी जारी किया गया है. संवेदनशील इलाकों में बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गई है.
देश में सबसे पहले महाकाल ने होली खेली
देश में सबसे पहले भगवान महाकाल ने होली खेली. सुबह 4 बजे बाबा महाकाल को पुजारी-पुरोहितों ने गुलाल लगाया. इसके बाद मंदिर में आरती की गई.
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मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया
64 सालों बाद होली और रजमान का जुमा एकसाथ मनाया जा रहा है. ऐसे में सौहार्दपूर्ण तरीके से त्योहार मनाया जाए, इसके लिए प्रशासन अलर्ट मोड पर है. रंगों की छींट दूसरे समुदाय पर ना पड़ें इसका ध्यान रखा जा रहा है. संवेदनशील इलाकों में मस्जिदों को तिरपाल से ढका गया है.
UP के संभल में DJ पर डांस
कुछ महीनों पहले शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर UP के संभल में हिंसा भड़क गई थी और दो समुदायों के बीच टकराव हो गया था. इसके अलावा हाल ही में संभल के सीओ अनुज चौधरी के बयान के बाद देशभर में सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई थी. इस कारण होली को देखते हुए यहां बड़ी संख्या में फोर्स तैनात की गई है. हालांकि सुबह से माहौल सौहार्दपूर्ण नजर आया. संभल में रंगों के साथ ही लोग डीजे पर डांस करते दिखाई दिए
UP के CM योगी आदित्यनाथ ने गायों को लगाया गुलाल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने होली के मौके पर गायों को भी गुलाल लगाया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सुबह गोरखपुर मंदिर की गौशाला पहुंचे. यहां उन्होंने उन्होंने गायों को दुलार किया और साथ ही उनके माथे पर गुलाल लगाया.
अवध में पारंपरिक गीतों के साथ होली
बात होली की बात हो और अवध की होली का जिक्र ना हो ऐसा कैसे हो सकता है. अवध में पारंपरिक गीतों और डीजे के साथ होली मनाई गई. बाबा भोले की नगरी वाराणसी में ‘भंग-रंग तरंग’ के साथ ही होली मनाई जा रही है.
मथुरा के बरसाने में लठमार होली
मथुरा के ब्रज में भगवान और भक्तों के बीच होली खेली गई. ब्रज के रसिया गाकर और रंगों में सराबोर होकर यहां धूमधाम के साथ होली मनाई गई. वहीं मथुरा के बरसाने में लठमार होली गई.
वहीं बरसाने में विश्वप्रसिद्ध लठमार होली खेली गई. लठमार होली में हुरायारे(पुरुष) और हुरियारिन(महिलाएं) हिस्सा लेती हैं. हुरायारे अपने सिर पर ढाल रखते हैं जबकि हुरियारिन अपने मुंह को ढककर लाठियां बरसाती हैं. लठमार होली के बारे में बताया जाता है कि भगवान श्री कृष्ण राधा से मिलने बरसाना गए थे, तभी वह राधा और उनकी सहेलियों को चिढ़ाने लगे. इससे नाराज होकर राधा और उनकी सहेलियों ने मिलकर लाठी से श्री कृष्ण की पिटाई करदी थी. तभी से नंदगांव और बरसाना में लठमार होली की शुरुआत हुई .