Nameplate Row: मुजफ्फरनगर पुलिस ने हाल ही में कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली खाने-पीने की दुकानों के मालिक और कर्मचारियों को अपनी दुकानों, ठेलों पर मालिक का नाम लिखने का आदेश दिया था. इस आदेश को बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने पूरे राज्य में लागू कर दिया था. इसके साथ ही उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सरकार ने भी इसे लागू कर किया था. जिसके बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा जहां कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में नेमप्लेट के समर्थन में एक याचिका दाखिल की गई जिसमें याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले को बेवजह सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है.
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा मार्ग पर दुकानों के मालिकों के नाम लिखने के आदेशों को लागू करने पर रोक लगाने के एक दिन बाद, यूपी कांग्रेस की अल्पसंख्यक शाखा राज्य भर में भोजनालयों और फूड ट्रकों पर संविधान की प्रस्तावना लगाने पर विचार कर रही है.
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सीएम योगी आदेश असंवैधानिक- कांग्रेस
एक कांग्रेस नेता ने कहा कि यह कदम भाजपा की “विभाजनकारी राजनीति” का मुकाबला करेगा. कांग्रेस नेता का कहना है कि यह विचार हाल के लोकसभा चुनावों में विपक्षी खेमे के ‘संविधान बचाओ अभियान’ की सफलता से आया है. राज्य के कई हिस्सों में अल्पसंख्यक कांग्रेस के नेताओं ने फल बेचने वालों के ठेले पर संविधान की प्रस्तावना की फोटो लगाई. पार्टी का कहना है कि कांवड़ मार्ग पर पड़ने वाली दुकानों पर दुकानदारों का नाम लिखने का सीएम योगी का आदेश असंवैधानिक था. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि अगर बीजेपी संविधान का सम्मान करती तो अब तक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पद से हटा देती.
कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा समाज को विभाजित करने की साजिश कांग्रेस कामयाब नहीं होने देगी. उन्होंने कहा कि भाजपा दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों की एकता से डर गयी है और इसे तोड़ने के लिए ही ऐसे संविधान विरोधी काम कर रही है.
नेमप्लेट के समर्थन में सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुप्रीम कोर्ट नेमप्लेट लगाने की बाध्यता को खत्म करने का आदेश दे चुकी है. लेकिन यह मामला अभी थमा नहीं है. अब सुप्रीम कोर्ट में ‘नेमप्लेट’ के समर्थन में एक याचिका दाखिल की गई है. याचिकाकर्ता का कहना है कि इस मामले को जबरदस्ती साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने खुद को इस मुद्दे पर पक्षकार बनाया जाने की मांग भी की है.
मुजफ्फरनगर पुलिस के निर्देश का समर्थन करते हुए याचिकाकर्ता सुरजीत सिंह यादव का कहना है कि नेमप्लेट लगाने का निर्देश शिवभक्तों की सुविधा, उनकी आस्था और कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिहाज से दिया गया है. कोर्ट में दाखिल याचिकाओं में इसे बेवजह साम्प्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई है.