India-Bangladesh Border: सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बांग्लादेश की सीमा पर पूरी तरह से चौकन्ना है. तभी तो हजारों की संख्या में भारत की सीमा में प्रवेश की तैयारी में बांग्लादेश के लोगों की कोशिश को नाकाम कर दिया. बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले में स्थिति दोनों देशों के बॉर्डर से बांग्लादेशी प्रवेश की तैयारी में थे. जिसकी जानकारी सीमा सुरक्षा के जवानों को लगी और उन्होंने वहां की सुरक्षा और मजबूत कर दिया.
सीमा सुरक्षा बल ने इस बात की पुष्टि की है कि बांग्लादेश ने अपने सीमा सुरक्षा के जवानों को हटा लिया है. ऐसी स्थिति को देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भारत की पूर्वी सीमा की निगरानी करने के लिए भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उच्च स्तरीय कमेटी गठित करने की घोषणा की है.
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निगरानी के लिए एक समिति का गठन
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘बांग्लादेश में चल रही स्थिति को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर निगरानी के लिए एक समिति गठित की है. समिति की अध्यक्षता एडीजी बीएसएफ करेंगे.’ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 7 अगस्त को भी पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के दक्षिण बेरुबारी के पास में करीब 500 बांग्लादेशी भारत में शरण लेने के लिए प्रवेश की तैयारी में थे. लेकिन बीएसएफ ने उन सभी को समझाकर वापस भेज दिया.
In the wake of the ongoing situation in Bangladesh, the Modi government has constituted a committee to monitor the current situation on the Indo-Bangladesh Border (IBB). The committee will maintain communication channels with their counterpart authorities in Bangladesh to ensure…
— Amit Shah (@AmitShah) August 9, 2024
तख्तापलट के बाद बाग्लादेश में बदले हालात
बांग्लादेश में बीते दिनों तख्तापलट के बाद प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को अपना मुल्क छोड़ना पड़ा था. वो करीब एक हफ्ते से भारत में शरणार्थी के तौर पर रह रही हैं. ऐसी स्थिति में बांग्लादेश में रह रहे लोग भी भारत पहुंचने की तैयारी में हैं. बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से ही लूटपाट और कत्लेआम मचा हुई है. वहां के अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, ईसाई के साथ बहुसंख्यक मुस्लिमों को निशाना बनाया जा रहा है. हालांकि मोहम्मद यूनुस को बांग्लादेश का अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया गया है.