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तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी पर विवाद, जेपी नड्डा बोले-हर पहलू की होगी जांच

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा

Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर का लड्डू प्रसादम इन दिनों विवादों में घिर गया है. दरअसल, तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने लैब रिपोर्ट के हवाले से पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. टीडीपी का कहना है कि तिरुमाला मंदिर ट्रस्ट के लिए लड्डू बनाने में इस्तेमाल होने वाले घी में जानवरों की चर्बी और मछली का तेल मिलाया गया था.

स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा का बयान

विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा, “जैसे ही मुझे खबर मिली मैंने चंद्रबाबू नायडू से बात की और इस बारे में जानकारी ली, मैंने उनसे कहा है कि उनके पास जो रिपोर्ट है, उसे मुझे भेजें. मैं इसकी जांच करूंगा और राज्य नियामक से भी बात करूंगा और जानूंगा कि उनका क्या कहना है. रिपोर्ट की पूरी तरह से जांच करने के बाद सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी, कानून और हमारे FSSAI के दायरे में जो भी आएगा, उसके तहत कार्रवाई की जाएगी.”

लैब रिपोर्ट का खुलासा

19 सितंबर को टीडीपी प्रवक्ता अनम वेंकट रमणा रेड्डी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में गुजरात के एक लैब की रिपोर्ट साझा की, जिसमें यह पुष्टि की गई थी कि घी में संदिग्ध मिलावट पाई गई है. इस लैब परीक्षण का सैंपल 9 जुलाई, 2024 को भेजा गया था और 17 जुलाई को रिपोर्ट आई.

इस मामले पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के पूर्व चेयरमैन वाईवी सुब्बा रेड्डी ने टीडीपी के आरोपों को अपमानजनक बताया और कहा कि प्रसादम की गुणवत्ता में पिछले कुछ वर्षों में सुधार हुआ है. उनका कहना था कि तिरुपति लड्डू प्रसादम की पवित्रता को लेकर ऐसे आरोपों से विश्वभर के हिंदुओं की भावनाएं आहत हो रही हैं.

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कार्रवाई की मांग

वकील विनीत जिंदल ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और आंध्र प्रदेश पुलिस से शिकायत दर्ज कराने की अर्जी भेजी है, जिसमें जगन मोहन रेड्डी और अन्य अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की गई है. उनका कहना है कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर है.

चंद्रबाबू नायडू का बयान

मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि तिरुमाला में कच्चे माल की गुणवत्ता बहुत निम्न स्तर की है. उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार सभी गंदगी को साफ करेगी और पवित्रता को बहाल करेगी. इस विवाद के बीच, जगन मोहन और उनकी पार्टी YSR कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट में ज्यूडिशियल कमेटी की गठन की मांग की है. इस मामले में सुनवाई 25 सितंबर को होगी.

केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी मामले की गंभीरता पर चिंता जताई है और विस्तृत जांच की मांग की है. वहीं, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने कहा कि अब सनातन धर्म रक्षण बोर्ड के गठन का समय आ गया है. तिरुपति मंदिर का यह प्रसादम केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे प्रतिवर्ष 500 करोड़ रुपये की आय होती है. इस विवाद ने न केवल धार्मिक भावनाओं को प्रभावित किया है, बल्कि राजनीतिक परिदृश्य में भी उथल-पुथल मचा दी है.

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