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‘मंदिरों का अधिग्रहण खत्म करें सरकार’, तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद पर बोले रामभद्राचार्य

Jagadguru Rambhadracharya

जगद्गुरु रामभद्राचार्य

Rambhadracharya On Tirupati Controversy: विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू विवाद पर आंध्र प्रदेश समेत पूरे देश में सियासी घमासान मचा है. दक्षिण भारतीय फिल्मों के दो दिग्गज प्रकाश राज और अभिनेता से राजनेता बने पवन कल्याण भी इस मुद्दे पर आमने-सामने हो चुके हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के पूर्व अध्यक्ष वाईवी सुब्बा रेड्डी ने एक स्वतंत्र समिति से जांच की मांग भी की. वही, इस मामले में अब आध्यात्मिक गुरु रामभद्राचार्य ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.

न्यूज एजेंसी एनएनआई से बातचीत के दौरान तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद पर रामभद्राचार्य ने कहा, “1857 में जो स्थिति मंगल पांडेय की थी वह स्थिति हमारी है… इसलिए हम कह रहे हैं कि मंदिरों का सरकारी अधिग्रहण नहीं होना चाहिए. सरकार हमारा अधिग्रहण समाप्त करें…”

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सीएम नायडू ने YSRCP सरकार पर लगाया आरोप

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी होने का आरोप आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने लगाया था. उन्होंने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार पर निशाना भी साधा था. प्रदेश सरकार ने मामले की जांच कराई और लैब रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि होने की बात कही. चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी ने लड्डू में घटिया सामग्री और पशु वसा के इस्तेमाल की इजाजत दी थी. उन्होंने आगे यह भी कहा कि अब शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि जगन मोहन रेड्डी ने नायडू पर राजनीति करने का आरोप लगाया.

क्यों खास है तिरुपति का प्रसाद?

आंध्र प्रदेश स्थित विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में रोजाना देश-दुनिया से हजारों श्रद्धालु भगवान वेंकटेश के दर्शन को आते हैं. यहां के प्रसादम का अपना धार्मिक महत्व है. भक्त अक्सर यहां से प्रसाद खरीद कर अपने साथ ले जाते हैं. लड्डू को बादाम, किशमिश, काजू, बंगाली चना, चीनी और गाय के घी से तैयार किया जाता है.

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