News Delhi: प्रमुख भारतीय डीपीएसयू शिपयार्ड गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) के लिए आठ फास्ट पेट्रोल जहाजों का निर्माण कर रहा है. यह कॉन्ट्रैक्ट 28 मार्च 22 को 473 करोड़ रुपये में हुआ था. इन जहाजों का डिज़ाइन और निर्माण 60 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री के साथ किया जा रहा है. सोमवार, 28 अक्टूबर को इस श्रेणी के पहले दो जहाजों की लॉन्चिंग हुई. जिसके साथ ही भारतीय तटरक्षक और जीएसएल ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मिसाल पेश किया है.
बता दें कि भारतीय तटरक्षक के महानिदेशक परमेश शिवमणि और दिग्गजों की मौजूदगी में इन दोनों जहाजों का शुभारंभ और नामकरण ‘अथर्ववेद’ के मंत्रोच्चार के साथ समारोहपूर्वक किया गया. भव्य समारोह में, जहाजों का नाम “अदम्य” और “अक्षर” रखा गया. लॉन्चिंग समारोह में ब्रजेश कुमार उपाध्याय सीएमडी, जीएसएल, आईजी एचके शर्मा, टीएम, डीडीजी (एमएंडएम) और भारतीय नौसेना, आईसीजी, शिपयार्ड के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे.
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25 अगस्त 2023 को रखी गई थी आधारशिला
इन जहाजों को एबीएस और आईआरएस के कड़े दोहरे क्लास सर्टिफिकेशन के तहत भारतीय तटरक्षक की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए जीएसएल द्वारा इन-हाउस डिजाइन और निर्माण किया गया है. जहाज की लंबाई 52 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर, अधिकतम गति 27 समुद्री मील है. इन दोनों जहाजों की आधारशिला 25 अगस्त 2023 को गिरिधर अरमाने, आईएएस, रक्षा सचिव द्वारा रखी गई थी. तब से शिपयार्ड ने लॉन्चिंग के मील के पत्थर को हासिल करने में असाधारण प्रगति की है. गोवा शिपयार्ड के इतिहास में पहली बार अत्याधुनिक शिप लिफ्ट सिस्टम का उपयोग करके दो जहाजों को एक साथ लॉन्च किया गया है. ये उन्नत फास्ट पेट्रोल जहाज भारतीय तटरक्षक को द्वीप क्षेत्रों की सुरक्षा में मदद करेंगे. उनकी प्राथमिक भूमिका सुरक्षा, नियंत्रण और निगरानी होगी.
स्थानीय उद्यमियों को मिलेगा बढ़ावा
यह प्रोजेक्ट स्थानीय कार्यबल/उद्यमियों/एमएसएमई को बढ़ावा देने सहित राष्ट्र के विकास में अहम योगदान देता है. इस परियोजना ने विभिन्न कारखानों और जीएसएल के भीतर उत्पादन गतिविधियों में लगे स्थानीय उद्योग और एमएसएमई के लिए पर्याप्त रोजगार पैदा किया है. इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए, मुख्य अतिथि ने यह सुनिश्चित करने के लिए शिपयार्ड और विभिन्न उद्योगों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की कि तटरक्षक बल की सभी जहाज निर्माण आवश्यकताओं को स्वदेशी रूप से पूरा किया जाए.
इसके अलावा, सभी बाधाओं को पार करते हुए इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को हासिल करने के लिए जीएसएल के कर्मचारियों को बधाई देते हुए, उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से यह सुनिश्चित करने के लिए आग्रह किया कि रक्षा उत्पादन में ‘आत्मनिर्भरता’ की दिशा में आगे बढ़ा जाए.
“अदम्या” और “अक्षर” का प्रक्षेपण हमारे देश की जहाज निर्माण क्षमता का एक अनुकरणीय प्रमाण है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा आवश्यकताओं के लिए स्वदेशी रूप से डिजाइन किए गए अत्याधुनिक जहाज बनाने के लिए जीएसएल और भारतीय तटरक्षक बल के तालमेल और संकल्प को प्रदर्शित करता है.