Vistaar NEWS

“यूपी में वक्फ संपत्तियों में से लाखों के पास दस्तावेज नहीं…”, ओवैसी को सता रहा इस बात का डर

Asaduddin Owaisi

असदुद्दीन ओवैसी (फोटो-सोशल मीडिया)

Waqf Amendment Bill: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 ने पूरे देश में राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है. विभिन्न राजनीतिक दल इसके समर्थन और विरोध में खुलकर सामने आए हैं. इस बीच, AIMIM के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. इतना ही नहीं ओवैसी ने सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए हैं.

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, “अगर यह कानून पास हो जाता है. उत्तर प्रदेश में एक लाख 22 हजार इकाई वक्फ संपत्तियां हैं, जिनमें से एक लाख बारह हजार के पास कोई दस्तावेज नहीं है. अगर वक्फ का उपयोगकर्ता हटा दिया गया, तो वह भूमि किसके पास जाएगी?”

कानूनी अधिकार का सवाल

ओवैसी ने कहा कि यदि वक्फ संपत्तियों के दस्तावेजों की कमी है, तो बिना कानूनी अधिकार के कोई भी व्यक्ति उस भूमि पर दावा कर सकता है. उनका यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि यह विधेयक मुसलमानों की संपत्तियों को और भी अधिक जोखिम में डाल सकता है.

वक्फ संपत्तियों पर खतरा: ओवैसी

ओवैसी ने कहा, “यह कानून, जिसे प्रधानमंत्री मोदी लेकर आए हैं, दरअसल हमारी वक्फ संपत्तियों को छीनने का एक साधन है.” उनका यह भी कहना है कि बीजेपी और आरएसएस मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह विधेयक सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय के अधिकारों पर हमला कर रहा है, जिससे उनकी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को नुकसान पहुँच सकता है.

यह भी पढ़ें: धारावी में मस्जिद के अवैध हिस्से को तोड़ने पहुंची BMC, मुस्लिम समाज ने रोका, तनाव के बाद भारी पुलिस बल तैनात

एक और बाबरी मस्जिद नहीं: ओवैसी

ओवैसी ने कहा, “हमने बाबरी मस्जिद को खो दिया है, और हम अब और कुछ नहीं खो सकते. यह कानून हमारी मस्जिदों को हमसे छीनने की कोशिश है.”उनका मानना है कि सरकार की नीयत स्पष्ट है और इसे पहचानना जरूरी है.
ओवैसी ने बुलडोजर कार्रवाई पर भी सवाल उठाते हुए कहा, “प्रधानमंत्री मोदी के बुलडोजरों ने मुसलमानों के घरों को नेस्तनाबूद कर दिया है. यह केवल मुसलमानों के मोहल्लों को चुन-चुन कर बर्बाद करने का प्रयास है.”

नफरत का माहौल

ओवैसी ने कहा कि हाल के दिनों में देश भर में मुसलमानों के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिशें हो रही हैं. उन्होंने इसे हिटलर के समय में यहूदियों पर होने वाले अत्याचारों से जोड़ते हुए कहा कि आज भी मुसलमानों के खिलाफ एक ऐसा ही माहौल बनाया जा रहा है.

Exit mobile version