World Governments Summit: यूएई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट में पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि आज हम 21वीं सदी में हैं. एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं.फूड सिक्योरिटी हो, हेल्थ सिक्योरिटी हो. वाटर सिक्योरिटी हो, एनर्जी सिक्योरिटी हो, एजुकेशन सिक्योरिटी हो और समाज को इनक्लूसिव बनाना हो. हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है.
हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है: PM
उन्होंने कहा, “आज हम 21वीं सदी में हैं. एक तरफ दुनिया आधुनिकता की तरफ बढ़ रही है तो पिछली सदी से चले आ रहे चैलेंजेस भी उतने ही व्यापक हो रहे हैं. खाद्य सुरक्षा हो…स्वास्थ्य सुरक्षा हो. जल सुरक्षा हो. ऊर्जा सुरक्षा हो. शिक्षा हो… समाज को समावेशी बनाना हो… हर सरकार अपने नागरिकों के प्रति अनेक दायित्वों से बंधी हुई है.”
पीएम मोदी ने कहा, “आज हर सरकार के सामने सवाल है कि वो किस अप्रोच के साथ आगे बढ़े. मेरा मानना है कि आज विश्व को ऐसी सरकारों की जरूरत है जो समावेशी हों, जो सबको साथ लेकर चलें.”
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एक दशक में 11वीं से 5वीं अर्थव्यवस्था बना भारत: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा, “एक दशक में हम दुनिया की 11वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गए. इसी अवधि में हमारी सौर ऊर्जा क्षमता 26 गुना बढ़ गई, हमारी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता भी दोगुनी हो गई और हमने इस संबंध में अपनी पेरिस प्रतिबद्धताओं को समय सीमा से पहले ही पार कर लिया.”
सरकार का अभाव भी नहीं और दबाव भी नहीं होना चाहिए- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं मानता हूं कि सरकार का अभाव भी नहीं होना चाहिए और सरकार का दबाव भी नहीं होना चाहिए, बल्कि मैं तो ये मानता हूं कि लोगों की ज़िंदगी में सरकार का दखल कम से कम हो, ये सुनिश्चित करना भी सरकार का काम है. इन 23 वर्षों में सरकार में मेरा सबसे बड़ा सिद्धांत रहा है मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस. मैंने हमेशा ऐसा माहौल बनाने पर जोर दिया जो नागरिकों में एंटरप्राइस और एनर्जी दोनों को बढ़ाए.