Himachal Political Crisis: बीते दिन राज्यसभा चुनाव के नतीजों ने बड़ा संकेत दिया. 2022 के अंत में हिमाचल प्रदेश में जीत दर्ज कर ग्रेस को मिली सत्ता पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी को मिली करारी हार के बाद अब सुक्खविंदर सिंह सुक्खू की सरकार का गिरना लगभग माना जा रहा है. 40 विधायकों होने के बावजूद बीजेपी ने 25 विधायकों की बदौलत जिस तरह कांग्रेस को मात दी है वह पार्टी के रणनीतिकारों के लिए बड़ा झटका और कभी ना भूलने वाला जख्म है.
3 बार विधायक, 1 बार के मंत्री रहे हैं महाजन
मंगवार, 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने बाजी पलटने के लिए एक बार फिर कांग्रेस के ही एक पुराने चेहरे का इस्तेमाल किया. बीजेपी की ओर से राज्यसभा का चुनाव जीतने वाले हर्ष महाजन कभी कांग्रेस पार्टी के मजबूत नेता माने जाते थे. अब वही हिमाचल में बीजेपी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. एक समय पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेहद करीबी रहे हर्ष महाजन तीन बार के विधायक और एक बार के मंत्री रहे. हिमाचल के चंबा निवासी वाले हर्ष महाजन के पिता देशराज महाजन भी कांग्रेस के नेता थे. ऐसे में बीजेपी कांग्रेस के हथियार से प्रदेश से कांग्रेस की सत्ता उखाड़ फेंकने के लिए तैयार है.
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राज्यसभा का उम्मीदवार बनते ही मिले संकेत
वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव से पहले हर्ष महाजन ने कांग्रेस को अलविदा कह दिया. इसके बाद बीजेपी में शामिल हुए कद्दावर नेता को पार्टी ने हिमाचल में सियासी समीकरण साधने के हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया. उन्हें राज्यसभा का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही यह आशंका जताई जा रही थी कि राज्य की सियासत में कुछ बड़ा होने वाला है. सूत्रों की माने तो पार्टी छोड़ने के बाद भी उनका कांग्रेस के छोटे कार्यकर्ताओं से लेकर सभी बड़े नेताओं के बीच संपर्क बना हुआ है. सूत्रों की ओर से मिल रही जानकारी के अनुसार 6 विधायक जो कांग्रेस से टूटे हैं वह हर्ष महाजन के संपर्क में ही बताए जा रहे हैं.