Bangladesh Violence: इस साल के जनवरी में हुए चुनाव में जीतकर शेख हसीना पांचवीं बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री बनीं. हालांकि, सरकार बनने से लेकर अब तक का समय उनके लिए अच्छा नहीं रहा. सबसे पहले चुनाव में धांधली का आरोप, फिर आरक्षण को लेकर देश में हुए प्रदर्शन और आखिर में शेख हसीना का इस्तीफे की मांग. अंत में प्रदर्शनकारियों के आगे उन्हें झुकना ही पड़ा. प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा तो देना ही पड़ा इसके साथ ही उन्हें अपना मुल्क भी छोड़ना पड़ा. 15 साल से सत्ता में काबिज शेख हसीना कभी कल्पना भी नहीं किया होगा कि ऐसी संकट उनके सामने आएगी.
फिलहाल, शेख हसीना को जिन हालातों में इस्तीफा देकर अपना देश छोड़ना पड़ा है, उसके लिए अब ‘विदेशी दखल’ का दावा भी किया जा रहा है. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इस तख्तापलट के पीछे अमेरिका का हाथ होने का शक जाहिर किया है. उन्होंने कहा, ‘अमेरिका मजबूत सरकार नहीं चाहता. वो बांग्लादेश में कमजोर सरकार चाहता है. वो एक ऐसी सरकार चाहता है जिसे नियंत्रित कर सके. वो शेख हसीना को नियंत्रित नहीं कर पाए.’
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शेख हसीना ने विदेशी दबाव का दिया था संकेत
जाने-माने विश्लेषक ब्रह्म चेलानी ने भी विदेशी एंगल की बात कही है. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, ‘शेख हसीना ने तेजी से बांग्लादेश को आर्थिक विकास दिया. लेकिन शक्तिशाली बाहरी ताकतें उनके खिलाफ खड़ी थीं. तीस्ता परियोजना भारत को देने के उनके फैसले से चीन नाराज हो गया. और दुख की बात है कि बाइडेन भी उनके पीछे पड़ गए थे.’हालांकि, बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के लिए अमेरिका पर इल्जाम लग रहे हैं, उसके संकेत कुछ महीनों पहले ही शेख हसीना ने दे दिए थे. शेख हसीना ने एक मीटिंग में अमेरिका का नाम लिए बगैर कहा था कि उनके ऊपर विदेश से दबाव बनाया जा रहा है.
शेख हसीना ने क्या कहा था?
इसी साल मई में शेख हसीना ने खुलासा किया था कि उन्हें एक विदेशी मुल्क से ऑफर मिला था कि अगर वो उसे बांग्लादेश में एयरबेस बनाने देती हैं, तो चुनाव में उनकी आसानी से वापसी करवा दी जाएगी. शेख हसीना ने कहा था, ‘अगर मैं खास देश को बांग्लादेश में एयरबेस बनाने की अनुमति दे देती हूं तो मुझे कोई परेशानी नहीं होगी.’ उन्होंने किसी देश का नाम नहीं लिया था, लेकिन ये कहा था कि उन्हें ये ऑफर एक ‘व्हाइट मैन’ से आया था. उन्होंने उस समय कहा था कि उनकी सरकार हमेशा संकट में रहेगी, लेकिन इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है.
जब उनसे ‘व्हाइट मैन’ के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा था, ‘मैंने उनसे साफ कह दिया है कि मैं राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की बेटी हूं. हमने अपना मुक्ति संग्राम जीता है. मैं देश का कोई हिस्सा किराए पर देकर या किसी दूसरे देश को सौंपकर सत्ता में नहीं आना चाहती.’
चुनाव से भी खुश नहीं था अमेरिका!
बांग्लादेश में हुए आम चुनाव का विपक्ष ने बायकॉट कर दिया था. इस चुनाव में शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग ने संसद की 300 में से 224 सीटें जीती थीं. विपक्ष ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया था. हालांकि, आवामी लीग ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का दावा किया था. इन चुनावी नतीजों पर अमेरिका ने नाखुशी जताई थी. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था, ‘हजारों विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और चुनाव के दिन अनियमितताओं की रिपोर्ट से अमेरिका परेशान है.’ मिलर ने कहा था कि ‘ये चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे और दुख की बात है कि इसमें सभी पार्टियों ने हिस्सा नहीं लिया था.’