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पाकिस्तान के जंग हुई तो क्या सचिन और धोनी की वर्दी में होगी वापसी? दोनों दिग्गज हैं टेरिटोरियल आर्मी का हिस्सा

Sachin Tendulkar and MS Dhoni

सचिन तेंदुलकर और एमएस धोनी

India-Pakistan Tension: हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से मौजूद तनाव को और गहरा कर दिया है. सीमा पर सुरक्षा बल पूरी सतर्कता के साथ तैनात हैं और हालात किसी भी वक्त युद्ध जैसे बन सकते हैं. इसी माहौल में सोशल मीडिया और खबरों में एक अजीब लेकिन दिलचस्प चर्चा ने जोर पकड़ लिया है—क्या भारतीय क्रिकेट के दो दिग्गज, सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी, अब वर्दी पहनकर सीमा पर देश की रक्षा करते नजर आएंगे?

सचिन और धोनी हैं टेरिटोरियल आर्मी

महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में भारतीय सेना की टेरिटोरियल आर्मी में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी. हालांकि, उनकी भूमिका मुख्यतः प्रचार, जागरूकता और सैनिकों के मनोबल को बढ़ाने तक सीमित रही है. दूसरी ओर, सचिन तेंदुलकर को 2010 में भारतीय वायु सेना ने मानद ग्रुप कैप्टन की उपाधि से सम्मानित किया. सचिन ने इस भूमिका में वायु सेना की छवि को बेहतर बनाने और युवाओं को रक्षा सेवाओं के प्रति प्रेरित करने का काम किया.

सेना से जुड़े अन्य खिलाड़ी

धोनी और तेंदुलकर अकेले ऐसे नहीं हैं जिन्हें सेना से मानद रूप में जोड़ा गया है. इनके अलावा कई अन्य प्रतिष्ठित हस्तियां भी टेरिटोरियल आर्मी या अन्य सैन्य अंगों से जुड़ी हैं. कपिल देव मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. साउथ के एक्टर मोहनलाल मानद लेफ्टिनेंट कर्नल हैं. केंद्रीय मंत्री और सांसद अनुराग ठाकुर भी टेरिटोरियल आर्मी में कैप्टन हैं.

क्या सच में सीमा पर लड़ेंगे धोनी और तेंदुलकर?

सचिन और धोनी को जो सैन्य रैंक मिली है, वह Honorary है. इसका अर्थ यह है कि उन्हें प्रेरणा स्रोत के रूप में सेना से जोड़ा गया है, न कि किसी युद्ध संचालन के लिए. उनकी उम्र, सीमित सैन्य प्रशिक्षण, और सार्वजनिक प्रोफाइल को देखते हुए यह संभावना बेहद कम है कि वे वास्तविक युद्धभूमि में हथियार लेकर लड़ते नजर आएंगे. वर्तमान में धोनी 43 साल के हैं और तेंदुलकर 51 वर्ष के.

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