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संसद में विपक्ष का जोरदार हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही 28 नवंबर तक स्थगित, 16 विधेयकों पर होनी है चर्चा

Parliament Winter Session

Parliament Winter Session

Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही हंगामे की खबरें आ रही हैं. तीसरे दिन भी विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में विरोध प्रदर्शन किया, जिससे कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी. सोमवार को सत्र की शुरुआत दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने से हुई, जबकि मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान को अपनाए 75 साल पूरे होने के मौके पर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. इसके बाद भी सत्र में तनाव की स्थिति बनी रही और आज कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी.

विपक्ष का हंगामा, लोकसभा और राज्यसभा दोनों में स्थगन

27 नवम्बर को लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने शोर-शराबा करना शुरू कर दिया. विपक्ष ने विभिन्न मुद्दों पर सरकार से जवाब देने की मांग की, लेकिन शोर-शराबे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी सांसद अरुण गोविल ने सवाल पूछा, जिसका उत्तर संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव दे रहे थे, लेकिन विपक्षी सांसदों ने उनका उत्तर सुनने का मौका नहीं दिया और हंगामा करते रहे.

इसी प्रकार, राज्यसभा में भी विपक्षी सांसदों ने हंगामा किया. सभापति जगदीप धनखड़ ने विपक्षी सांसदों से सदन की गरिमा बनाए रखने की अपील की, लेकिन विपक्षी सांसद अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे. इसके परिणामस्वरूप राज्यसभा की कार्यवाही को 11:30 बजे तक स्थगित कर दिया गया और बाद में राज्यसभा को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.

शीतकालीन सत्र में 16 विधेयकों पर होगी चर्चा

इस शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने कुल 16 विधेयकों को विचार के लिए पेश करने की योजना बनाई है. इनमें वक्फ (संशोधन) विधेयक प्रमुख है, जिसे लेकर विपक्ष की ओर से भी विरोध हो सकता है. सरकार की योजना है कि इस सत्र में 19-19 बैठकें दोनों सदनों में आयोजित की जाएं. सरकार और विपक्ष के बीच विवादों के बावजूद, सत्र के दौरान अन्य विधायकों पर भी चर्चा होनी है, जो विभिन्न मुद्दों से जुड़े हैं.

संविधान दिवस पर राष्ट्रपति का संबोधन

मंगलवार को संविधान के 75 साल पूरे होने के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया. राष्ट्रपति ने संविधान को अपनाने की प्रक्रिया और उसकी ऐतिहासिक महत्ता को रेखांकित किया. उनके भाषण के दौरान संसद में संविधान की गरिमा बनाए रखने की अपील की गई और सभी सांसदों से उम्मीद जताई गई कि वे संविधान की नीतियों और उद्देश्य के तहत कार्य करेंगे.

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अगले कुछ दिन और ज्यादा हंगामे की संभावना

शीतकालीन सत्र के पहले दिन से ही विपक्षी दलों द्वारा हंगामा किए जाने के संकेत मिल रहे थे, और आज के घटनाक्रम से यह साफ है कि आने वाले दिनों में भी संसद में विपक्षी दलों का विरोध जारी रह सकता है.

इस बीच, सरकार ने इस सत्र में कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए आश्वासन दिया है, लेकिन विपक्षी सांसदों के लगातार हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही ठप हो रही है. विपक्षी दलों ने कई मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगा है, जिनमें महंगाई, बेरोजगारी, और कुछ विवादास्पद विधेयकों पर आपत्ति शामिल है. कुल मिलाकर, संसद का शीतकालीन सत्र इस समय हंगामे और व्यवधान से भरा हुआ है, और यह देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में संसद के कामकाज पर इसका क्या असर पड़ेगा.

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