America: अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अपने नए NSA के रूप में माइक वाल्ट्ज चुना है. नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फ्लोरिडा के प्रतिनिधि माइक वाल्ट्ज को अपना राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनाया है। वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के प्रमुख हैं. 50 साल के वाल्ट्ज आर्मी नेशनल गार्ड के रिटायर अधिकारी हैं. आइए जानते हैं अमेरिका के नए NSA माइक वाल्ट्ज कौन हैं ?
Trump selects pro-India Mike Waltz as National Security Advisor for Trump 2.0 administration
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— ANI Digital (@ani_digital) November 12, 2024
कौन हैं माइक वाल्टज?
फिलहाल वाल्ट्ज इंडिया कॉकस के प्रमुख हैं. वाल्ट्ज आर्मी नेशनल गार्ड के रिटायर अधिकारी हैं, जिन्हें युद्ध का काफी अनुभव है. अमेरिका के नए NSA के रुप में उनसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आक्रामक दृष्टिकोण लाने की उम्मीद है. ट्रंप ने अमेरिका की जनता को अमेरिकी सुरक्षा को मजबूत करने का वादा किया है.
बता दें, वाल्ट्ज पूर्व-मध्य फ्लोरिडा से तीन बार रिपब्लिकन पार्टी का प्रतिनिधि रहे हैं. वह अमेरिकी सदन के लिए चुने गए पहले ग्रीन बेरेट थे. वह सदन की सशस्त्र सेवा उपसमिति के अध्यक्ष और सदन की विदेश मामलों की समिति और खुफिया मामलों की स्थायी चयन समिति के सदस्य भी रहे हैं.
मजबूत रक्षा रणनीतियों के समर्थक हैं वाल्ट्ज
आर्मी नेशनल गार्ड के रिटायर अधिकारी वाल्ट्ज एक मजबूत रक्षा रणनीतियों के कट्टर समर्थक हैं. भारत के साथ संबंधों और चीन का मुकाबला करने के मामले में उनकी साफ सोच रही है. वह अनुभवी विदेश नीति विशेषज्ञ भी हैं. उन्हें अमेरिका और भारत गठबंधन का प्रबल समर्थक माना जाता है. उन्होंने कई मौकों पर भारत के साथ संबंधों को और मजबूत करने की वकालत की है. उनका कहना है कि अमेरिका और भारत को रक्षा व सुरक्षा सहयोग के मामले में आगे बढ़ते रहना चाहिए.
इंडिया कॉकस क्या है?
वाल्ट्ज ने 2023 में अमेरिका की यात्रा के दौरान कैपिटल हिल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण की व्यवस्था की थी. अमेरिकी सीनेट का इंडिया कॉकस एक द्विदलीय समूह है. इसमें वर्तमान में सीनेट के 40 सदस्य शामिल हैं. 2004 में तत्कालीन न्यूयॉर्क सीनेटर और विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और सीनेटर जॉन कॉर्निन द्वारा स्थापित यह सीनेट में अपनी तरह का सबसे बड़ा कॉकस है.
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चीन के कट्टर आलोचक हैं वाल्ट्ज
वाल्ट्ज चीन के प्रति कई बार आक्रामक दिखे हैं. उन्होंने कोविड-19 महामारी पैदा करने में चीन की संलिप्तता और उइगर मुसलमानों के साथ दुर्व्यवहार के कारण बीजिंग में 2022 के शीतकालीन ओलंपिक का अमेरिका से बहिष्कार करने का आह्वान किया था. वाल्ट्ज जो बाइडेन प्रशासन के अफगानिस्तान से सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले के भी आलोचक रहे हैं.
ऐसा माना जा रहा है कि वाल्ट्ज के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने से चीन के प्रति अमेरिका के रुख में और अधिक दृढ़ता आ सकती है. वहीं भारत के साथ साझेदारी को और मजबूती मिल सकती है.